डाक्टर साहेब ! बीमार हैं, हमें कंबल तो दीजिए
इन दिनों शाम ढ़लते ही लोगों को ठंड लगने लगती है। देर शाम तक तो लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं। जब सामान्य लोगों को ठंड सताती है तो बीमार लोगों का क्या कहना।
समस्तीपुर । इन दिनों शाम ढ़लते ही लोगों को ठंड लगने लगती है। देर शाम तक तो लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं। जब सामान्य लोगों को ठंड सताती है तो, बीमार लोगों का क्या कहना। निश्चित रुप से बीमार लोगों को ज्यादा ठंड लगती होगी। लेकिन, सदर अस्पताल में कंबल नदारद है। कुछ ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हैं सदर अस्पताल में इलाजरत मरीज। अस्पताल प्रशासन ने अभी तक इन मरीजों को कंबल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है। शनिवार को दैनिक जागरण ने उनके दुख-दर्द को जानने की कोशिश की। इसमें सब मरीजों का यही कहना था, साहेब, हम तो बीमार हैं। हमें कंबल दिलवा दीजिए। सर, बगैर कंबल के रात काटना मुश्किल होता है। हम तो जानते थे कि इलाज के लिए सदर अस्पताल में आए लोगों को कंबल दी जाती है। यही सोच कर घर से ओढ़ने के लिए ज्यादा गर्म कपड़े भी नही लाए। प्रसव को लेकर आई प्रसूता शनिवार को अस्पताल कर्मियों से गुहार लगाती देखी गई। बावजूद अस्पताल प्रशासन इन सब बातों से बेखबर रहा। किसी भी प्रसूता को एक भी कंबल उपलब्ध नहीं कराया गया। खासकर प्रसव को लेकर आने वाली महिलाओं को भी कंबल नहीं दी जा रही है। प्रसूता को बस अपने साथ लाए एक-दो चादर या कंबल से ही काम चलाना होता है। गरीब मरीजों को झेलनी पड़ रही समस्या
सदर अस्पताल में ठंड के दिनों में इलाज को लेकर भर्ती हुए मरीजों को कंबल उपलब्ध कराई जानी है। इसमें गंभीर रुप से बीमार और प्रसुताओं को प्राथमिकता दी जानी है। अस्पताल में कंबल नहीं मिलने की वजह से अधिकतर मरीज के परिजन पुन: घर जाकर कंबल लाते हैं। सभी मरीज ठंड की वजह से कंबल घर से लाते हैं या फिर खरीदते है। ऐसे में दूर-दराज के क्षेत्रों से आए गरीब मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। वर्जन
सदर अस्पताल में पर्याप्त संख्या में कंबल उपलब्ध है। बावजूद अगर किसी मरीज को कंबल नहीं दिया जाता है तो यह गंभीर मामला है। अस्पताल प्रशासन को मरीजों को कंबल देने को कहा जा रहा है।
डॉ. सियाराम मिश्र,
सिविल सर्जन, समस्तीपुर।