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जिलाधिकारी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लिया जायजा

जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी सर्वाधिक बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र चकपहाड़ चकसिकंदर आदि पंचायतों में बाढ़ की स्थिति को देखा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 01:39 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 01:39 AM (IST)
जिलाधिकारी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लिया जायजा
जिलाधिकारी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लिया जायजा

समस्तीपुर । जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी सर्वाधिक बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र चकपहाड़, चकसिकंदर आदि पंचायतों में बाढ़ की स्थिति को देखा। साथ ही प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी चकपहाड़ पंचायत के नून नदी पुल से विभागीय अधिकारियों के साथ सर्वेक्षण करते हुए बाढ़ पीड़ितों की स्थिति की जानकारी ली। मोरवा विधायक विद्यासागर सिंह निषाद ने जिलाधिकारी से चकपहाड़, चकसिकंदर, गुनाई बसही, सारंगपुर पश्चिमी, सारंगपुर पूर्वी, कोठिया, सरसौना ,वनतुलसी, माधोपुर दिघरुआ, लरुआ, बनबीरा, इन्द्रवारा, निकसपुर, सोन्गर आदि पंचायत के हजारों एकड़ में लगी फसल के बाढ़ के पानी में डूब जाने की जानकारी दी। उन्होंने संपूर्ण प्रखंड को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करते हुए किसानों को क्षतिपूर्ति, मुआवजा एवं बाढ़ पीड़ितों के बीच शीघ्र राहत मुहैया कराने की मांग की। डीएम ने उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। डीएम ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारियों को नून नदी के तटबंध से हो रहे रिसाव को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने को कहा। दर्जनों बाढ़ पीड़ितों ने घरों में पानी घुसने से निजात दिलाने के लिए नून नदी पर अविलंब बांध बनाने की मांग की। मौके पर पूर्व मंत्री वैद्यनाथ सहनी, सदर एसडीओ अशोक कुमार मंडल, उपसमाहर्ता गौरव कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, पुलिस पदाधिकारी मो. जावेद खान, ताजपुर थानाध्यक्ष शंभू नाथ सिंह, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंता सौरभ कुमार, सीओ प्रीति लता, बीएओ जगदीश प्रसाद सिन्हा, पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह निषाद, प्रवीण कुमार, डॉ. गया प्रसाद साह, मुखिया शिव दयाल सहनी, चौधरी सहनी, संजय सहनी, जदयू प्रखंड अध्यक्ष शर्वेन्दु कुमार, जगत नारायण राय, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष पंकज कुमार, जयनारायण राय, डॉ. ओम प्रकाश, शंकर कुमार, बरेलाल सहनी समेत अन्य मौजूद थे।

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मत्स्यपालको का हुआ घाटा

नून नदी से आयी अप्रत्याशित बाढ़ के कारण लाखों रुपये कीमत की मछलियां भाग गई। फलस्वरूप दर्जनाधिक मत्स्यपालक हताश हैं। लोगों ने मत्स्यपालकों को भी राहत उपलब्ध कराने की दिशा में डीएम से मांग की है।


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