दलित बस्ती में विकास की हकीकत बयां करती जर्जर सड़क
समस्तीपुर। वारिसनगर पिछले कई वर्षों से प्राय सभी पार्टियां दलितों को लुभाने के लिए हर तरह की बातें करते हैं। उन्हें बेहतर सुविधा मिले इसकी वकालत करते हैं।
समस्तीपुर। वारिसनगर, पिछले कई वर्षों से प्राय: सभी पार्टियां दलितों को लुभाने के लिए हर तरह की बातें करते हैं। उन्हें बेहतर सुविधा मिले, इसकी वकालत करते हैं। लेकिन प्रखंड मुख्यालय स्थित गोही पंचायत के दलित बस्ती में विकास हो, इसकी किसी ने सुध नहीं ली। लोगों को चलने के एक अच्छी सड़क भी मयस्सर नहीं है। ऐसा नहीं है इस पंचायत में सांसद-विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों ने कार्य नहीं किया है। परंतु सभी जनप्रतिनिधियों का इस दलित बस्ती को सड़क सुविधा दिलाने का सिर्फ आश्वासन ही दिया, उसे पूरा नहीं किया। इसी पंचायत में प्रखंड और अंचल कार्यालय रहने के बावजूद आमजनों की दिक्कतों से जनप्रतिनिधि और प्रशासन का कोई वास्ता नहीं रहना। इन समस्याओं पर पेश है संवाददाता दिलीप कुमार कुंदन की रपट।
--- प्रखंड मुख्यालय स्थित गोही पंचायत के वार्ड नंबर 5 तथा 15 का दलित टोला आज भी सड़क सुविधा से महरूम है। लोग बताते हैं कि लगभग 30-35 वर्ष पूर्व मिट्टी और ईंटकरण हुआ था। फिर उसके बाद से अबतक किसी जनप्रतिनिधियों ने इसकी मरम्मत कराना भी उचित नहीं समझा। इस कारण यह खरंजा सड़क भी अपने अस्तित्व को खो चुका है। अभी स्थिति यह है कि हल्की बारिश में ही सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाता है। जबकि इस पंचायत का बरियारपुर गांव महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी और छह बार विधायक रहे स्व. वशिष्ठ नारायण सिंह की जन्मभूमि है। क्षेत्र में होने वाले किसी भी चुनावी सभा में नेताजी स्व.सिंह का नाम लेकर नमन तो करते हैं परंतु चुनाव बाद उनके गांव में विकास करने की बात भूल जाते हैं। सड़क ना होने पगडंड़ी का सहारा
उक्त दोनों वार्ड के अतिरिक्त वार्ड नंबर 7 के पासवान टोला एवं डीह राम टोला में तो जाने के लिए एक सड़क भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि यहां जमीन उपलब्ध नहीं है। बिहार सरकार की जमीन को लोग अतिक्रमित कर रास्ता अवरूद्ध किए हुए हैं। वहीं वार्ड नंबर 11 के अल्पसंख्यक टोला में भी जाने के सभी पगडंडी और खेतों के मेड़ का सहारा लेते हैं। इधर, कुछ दिन पूर्व मसीउद जमा के घर से प्राथमिक विद्यालय उर्दू तक तो मुखिया द्वारा मिट्टी भरवाकर ईंटकरण कर दिया गया है। परंतु मुख्य सड़क तक आने की समस्या का निदान नहीं हो पाया है। बिजली कनेक्शन में भी परेशानी
प्रखंड चौक स्थित विद्युत उपकेंद्र से 200 मीटर पर अवस्थित बरियारपुर गांव के विद्युत कनेक्शन को शादीपुर फीडर से जोड़ दिया गया है। जिससे शिवाजीनगर तक विद्युत आपूर्ति की जाती है। इतना लंबा फीडर रहने तथा पुराने जर्जर तार होने के कारण प्राय: ब्रेक डाउन की स्थिति बनी रहती है तथा चौक पर विद्युत आपूर्ति बाधित होती है। इस कारण इस गांव में विद्युत कनेक्शन शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। चिकित्सा व्यवस्था की कमी
यों तो इस पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। परंतु महिला डाक्टर तथा बेड एवं भवन का घोर अभाव है। इस कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विद्यालय में भवन व चहारदिवारी का अभाव
पंचायत में पुराने उच्च विद्यालय तथा आदर्श मध्य विद्यालय रहने के बावजूद अबतक इसकी स्थिति दयनीय है। प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है। छात्रों की संख्या के अनुपात में यहां भवन का घोर अभाव है। चहारदिवारी की भी आवश्यकता है।