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विभूतिपुर में क्वारंटाइन सेंटर के प्रवासियों के बीच नृत्य-संगीत

समस्तीपुर। कोरोना महामारी जैसा वैश्विक संकट और लॉकडाउन का अंतहीन दर्द प्रवासियों को सता रहा। विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत देसरी कर्रख स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर में कुछ ऐसा ही माहौल था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 01:32 AM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 06:13 AM (IST)
विभूतिपुर में क्वारंटाइन सेंटर के प्रवासियों के बीच नृत्य-संगीत
विभूतिपुर में क्वारंटाइन सेंटर के प्रवासियों के बीच नृत्य-संगीत

समस्तीपुर। कोरोना महामारी जैसा वैश्विक संकट और लॉकडाउन का अंतहीन दर्द प्रवासियों को सता रहा। विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत देसरी कर्रख स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर में कुछ ऐसा ही माहौल था। यहां रह रहे प्रवासियों के उदास रहने की जानकारी वहां के जनप्रतिनिधियों को मिली। इसी बीच सोमवार को कुछ और प्रवासी वहां रहने आए। बातचीत के क्रम में जानकारी मिली कि ये सभी सांस्कृतिक आयोजन में हिस्सा लेने वाले कलाकार हैं। इसके बाद रंगारंग आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान इस तरह के आयोजन पर अब सवाल उठने लगे हैं। इस बारे अंचलाधिकारी उदयकांत मिश्र ने बताया कि सेंटर के प्रभारी प्रधानाध्यापक से यह स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है कि आखिर उन्होंने इसकी अनुमति कैसे दे दी? वीडियो हुआ वायरल

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सोमवार की रात देसरी कर्रख स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर से नृत्य-संगीत की आवाज ने आसपास के लोगों को चौंकाया। सुबह जानकारी मिली कि इस सेंटर पर पहले से 87 प्रवासी पंजीकृत थे। सोमवार को दिन में कुछ नए लोग भी आए। बातचीत के क्रम में उनके कलाकार होने की जानकारी मिली। ये सभी सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लिया करते थे। दिन में ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आयोजन की पूरी तैयारी कर ली गई। कलाकारों के लिए मंच, प्रकाश व्यवस्था, म्यूजिक सिस्टम आदि की व्यवस्था की गई। रात होते ही आयोजन शुरू हो गया। जिसका प्रवासियों ने पूरा आनंद लिया। मुखिया ने कहा, बाहर के लोग नहीं हुए शामिल

लॉकडाउन में सरकार ने सभी तरह के सार्वजनिक आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में इस तरह का आयोजन नियमों का उल्लंघन माना जा रहा। क्योंकि, इस तरह के मौकों पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाता है। इससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। सुरक्षा चक्र टूटता है।

इस संबंध में पूछे जाने पर मुखिया ललन पासवान ने बताया कि कलाकार भी प्रवासियों में से ही थे। इनके मनोरंजन के लिए दो घंटे का यह आयोजन किया गया था। इसमें बाहरी लोग शामिल नहीं हुए थे।


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