पगड़डियों पर रेंगती है आज भी जिदगी
शाहपुर पटोरी में निषादों के अराध्यदेव बाबा केवल के दर्शन को भले ही पूरे देश से लोग आते हैं परन्तु सच यह है कि दरबा गांव आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है।
समस्तीपुर। शाहपुर पटोरी में निषादों के अराध्यदेव बाबा केवल के दर्शन को भले ही पूरे देश से लोग आते हैं परन्तु सच यह है कि दरबा गांव आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। यह पटोरी प्रखंड के सबसे उत्तर पूर्व में अवस्थित एक समस्या ग्रस्त गांव है। क्षेत्र की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाले इस गांव की जिदगी आज भी पगडंडियों पर रेंगती है। ऐसे कई सवाल नश्तर की तरह दरबावासियों के जेहन में चुभते हैं। अच्छी सड़कें, चकाचक बिजली, सुदृढ़ अस्पताल, उच्च शिक्षा का प्रबंध, स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था यहां भी लोगों को नसीब होगी, ऐसी उम्मीद अभी भी गांव वासियों को है। लोगों ने चिल्ला-चिल्लाकर अपनी मांगे उठायी। सदन तक की दीवारें इसकी गवाह है किन्तु व्यवस्था के साथ-साथ प्रतिनिधि भी मौन रहे, इसके हजारों प्रत्यक्षदर्शी भी हैं। समस्तीपुर-पटोरी मुख्य मार्ग के किनारे बसे इस पंचायत के लगभग नौ हजार लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। साढ़े पांच हजार एकड़ में फैले इस पंचायत की चार हजार एकड़ की भूमि में खेती होती है, किन्तु लोगों को इंतजार है, ऐसे प्रतिनिधि की,जो इस गांव का वर्षों पुराना हक दिला सके। पानी के बगैर सूख रहा हलक : गर्मी ने अभी दस्तक ही दी है किन्तु गांव में पेयजल की समस्या गंभीर हो गयी है। नल-जल योजना का पूरा लाभ प्रत्येक वार्ड में नहीं मिल सका है। पिछले कुछ वर्षों के अंदर पीएचईडी के द्वारा तीन दर्जन चापाकल लगाए गए। जिसमें आज एक भी दुरुस्त नहीं है। 4-5 चापाकलों को लोगों को अपने खर्चे से दुरुस्त कराया है। लगभग 30 वर्ष पूर्व बना पानी टंकी दो दशक से बेकार पड़ा है। स्वच्छ पेयजल के लिए स्वजल धारा योजना इस पंचायत में नहीं दिखायी देती। नतीजा यह है कि लोग पीने के पानी की व्यवस्था अपने स्तर से करते हैं। रविदास टोला में वर्षों से नहीं हैं सड़क : पंचायत में चार रविदास टोला है, जहां आज तक सड़क नहीं बन सकी। सड़क की न तो जमीन है और न राशि। सरकार की दलित बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ने की योजना यहां नहीं दिखायी देती। एक ओर सरकार इन बस्तियों को पक्की सड़क और इंटरलॉकिग टाइल्स द्वारा मुख्य सड़क से जोड़ने की योजना बना चुकी है, किन्तु इसका फायदा लोगों नहीं मिल सका। खुद बीमार है स्वास्थ्य केन्द्र:
यहां एक उपस्वास्थ केन्द्र है जहां नियमित डाक्टर, एएनएम और दवा नहीं रहती। अकसर यह बंद ही रहता है। लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता। बीमार लोगों को निजी चिकित्सकों के यहां दौड़ना पड़ता है। गंभीर रोगियों को 15 किमी दूर पटोरी लाना पड़ता है। इस अव्यवस्था से गांव के लोग नाराज हैं। सरकारी सिचाई नदारद: लगभग साढे़ पांच एकड़ कृषि योग्य भूमि पर सरकारी सिचाई की व्यवस्था शून्य है। यहां एक भी सरकारी नलकूप नहीं है। यहां के लोगों की खेती रामभरोसे होती है। काफी अधिक पैमाने पर यहां की भूमि या तो सालों भर जलजमाव रहता है या फिर सूखे के कारण फसल नष्ट हो जाती है। जल जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नून नदी परियोजना आज तक पूरी नहीं की जा सकी। इन्हें भी है अव्यवस्था का दर्द: - गांव के जयकृष्ण सहनी, लगन देव राय, मनोज कुमार बताते हैं कि गांव के रविदास टोले तथा अन्य जगहों पर एनजीओ के द्वारा बनाये गए शौचालय के नाम पर ठगा गया है। - रामचन्द्र सहनी, अनिल कुमार, सिघेश्वर सहनी कहते हैं कि गांव में सरकारी चापाकल नहीं रहने तथा पानी टंकी दशकों से बंद रहने के कारण पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। - राजदेव सहनी, महेश सहनी, परीक्षण सहनी बताते हैं कि चौर से जल निकासी तथा सिचाई की समस्या पर ध्यान किसी भी प्रतिनिधि को नहीं गया, जो किसानों की प्रमुख समस्या है। - रामबली सहनी, सिराजो देवी बताती है कि प्रतिनिधि के द्वारा सिर्फ चुनाव के समय ही दौरा किया जाता है, शेष दिनों में उनका दर्शन भी नहीं होता।
एक नजर में गांव
- जनसंख्या - 14000
- वार्ड की सं. - 14
- मतदाता - 7600
- बीपीएल परिवार - 1400
- मध्य विद्यालय - 3
- प्राथमिक विद्यालय - 4
- उच्च विद्यालय - 1
- आंगनबाड़ी केन्द्र - 14
- सामुदायिक भवन - 2
- उपस्वास्थ्य केन्द्र - 1 वर्जन
पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने की तमन्ना है अपने स्तर से विभिन्न सरकारी योजनाओं व ग्राम पंचायत की योजनाओं का पूरा लाभ पंचायत को दिलाया गया। फिर भी अपने स्तर से विभिन्न योजनाओं के द्वारा पंचायत के विकास के लिए मैं तत्पर हूं और विभिन्न योजनाओं का लाभ पंचायत को दिलाती रहूंगी।
पूना देवी, मुखिया, दरबा