उपनयन व शादी के लग्न पर कोरोना का ग्रहण, खतरे से खाली नहीं आयोजन
दिनों-दिन बढ़ते कोरोना के प्रभाव और उसके विनाशकारी रूप से क्षेत्र में निर्धारित शादी- ब्याह के साथ उपनयन मुंडन जैसे शुभ कार्य प्रभावित होने लगे हैं। गत वर्ष कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण शादी- ब्याह व अन्य शुभ कार्य बाधित रहा।
समस्तीपुर । दिनों-दिन बढ़ते कोरोना के प्रभाव और उसके विनाशकारी रूप से क्षेत्र में निर्धारित शादी- ब्याह के साथ उपनयन, मुंडन जैसे शुभ कार्य प्रभावित होने लगे हैं। गत वर्ष कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण शादी- ब्याह व अन्य शुभ कार्य बाधित रहा। लॉकडाउन के बाद जरूरत वाले लोग लगन की तैयारी में जुटे और तैयारी पूरी कर शादी या उपनयन के लिए तिथि तक निर्धारित कर ली। इस अप्रैल माह में शुरू हो चुके लगन के बीच ही महामारी अपना विनाशकारी रूप धारण करने लगी। तैयारी के साथ तिथि निर्धारित कर शादी या उपनयन करने संबंधित आमंत्रण पत्र अपने रिश्तेदार, मित्र और समाज के लोगों के बीच बांट चुके लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कुछ लोग सीमित संख्या में शादी-ब्याह या उपनयन करने पर विचार कर रहे हैं। कुछ ने इस साल लगन ही स्थगित करने का निर्णय लेकर इसकी सूचना आमंत्रित लोगों को भेज दी है। अप्रैल से जुलाई तक है विवाह का मुहूर्त
लगन की स्थिति के संबंध में जानकारी देते हुए उजियारपुर में डढिया असाधर सुन्दरी टोल के निवासी पंडित महेश मिश्र बताते हैं कि अप्रैल माह से लेकर जुलाई तक विवाह, उपनयन, मंडन आदि के लिए पर्याप्त शुभ मुहूर्त है। अप्रैल में 9, मई में 19 तथा जून- जुलाई में भी अच्छी संख्या में शादी की तिथि है। इस वर्ष नवंबर तथा दिसंबर में भी विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त है। उन्होंने बताया कि महामारी के दौर में लगन का बड़ा आयोजन खतरे से खाली नहीं है। टेंट हाउस से लेकर कैटरिग से जुड़े लोग हो रहे प्रभावित
कोरोना के कारण लगन प्रभावित होने से टेंट हाउस वालों से लेकर कैटरिग तक के लोग प्रभावित होने लगे हैं। अंगारघाट के टेंट हाउस संचालक मनोज कुमार राय तथा मुरियारो के कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि जब लगन ही नहीं होगा या सीमित रूप से शादी-ब्याह का आयोजन होगा तो टेंट का क्या काम। डिहुली के कैटरर अमरनाथ साह ने बताया कि गत वर्ष भी कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया था। इस साल भी वहीं स्थिति बन रही है। गाड़ी-घोड़े, पंडित तथा बैंड बजे से जुड़े लोगों का भी लगन के सीजन का इंतजार रहता है, लेकिन महामारी सबके मंसूबों पर पानी फेरने को तैयार है।