कोरोना संक्रमित मां के दूध से नहीं है बच्चे को कोई खतरा
कोरोना संक्रमित मां भी अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं क्योंकि अभी तक किसी भी शोध में यह साबित नहीं हुआ है कि मां के दूध पिलाने से शिशु में वायरस पहुंचा हो। विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने इसे अमल में लाने की योजना बनाई है।
समस्तीपुर । कोरोना संक्रमित मां भी अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं, क्योंकि अभी तक किसी भी शोध में यह साबित नहीं हुआ है कि मां के दूध पिलाने से शिशु में वायरस पहुंचा हो। विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने इसे अमल में लाने की योजना बनाई है। बशर्ते मां को सावधानी बरतने की जरूरत हैं। दूध पिलाने से पहले साबुन लगाकर नहा लें। उसके बाद ही शिशु को स्तनपान कराएं। इससे शिशु में सभी पोषक पदार्थों की पूर्ति हो जाती है। कोरोना महामारी की चपेट में कुछ ऐसी महिलाएं भी आ चुकी है। जिनके बच्चे छोटे-छोटे हैं और स्तनपान करते हैं लेकिन मां के संक्रमित होने पर शिशु को दूर रखा जा रहा है। स्तनपान से वंचित शिशु में संक्रमण होने का खतरा बढ़ रहा है।
इस बार थीम स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प रखा गया है। जिले में महिला स्वास्थ्य कर्मी जिनमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं को जागरूक करेंगी। कोविड-19 को देखते हुए स्तनपान को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बिदु दिए गए हैं। जैसे शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध अवश्य पिलाएं और पहले छह महीने तक सिर्फ स्तनपान ही कराएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि मां कोविड-19 से संक्रमित है या उसकी संभावना है, तब भी मां शिशु को स्तनपान करा सकती है। यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड -19 से संक्रमित है और यदि वह दूध पी पा रहा हो तो मां अवश्य शिशु को स्तनपान कराएं। स्तनपान करें सावधानी के साथ, संक्रमण से करें बचाव
एसएनसीयू के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार कंचन ने बताया अगर मां को बुखार खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण है तो वह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की बताई गई बातों का पालन करें। जब भी बच्चे के संपर्क में आए तो मास्क अवश्य पहनें। छींकते और खांसते समय अपने मुंह को रूमाल या टिशु पेपर से ढकें। छींकने और खांसने के बाद, बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से हाथों को 40 सेकंड तक धोएं या सैनिटाइजर से सेनेटाइज करें। किसी भी सतह को छूने से पहले उसे साबुन या सैनिटाइजर से अच्छी तरह साफ करें। शिशु को दूध पिलाने से पहले स्तनों को और स्वयं के हाथ साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक धोना तथा चेहरे, नाक व मुंह पर मास्क लगाना चाहिए। स्तनपान से शिशु को फायदे
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मीनाक्षी ठाकुर ने बताया बौद्धिक स्तर में सुधार, शिशु और मां के बीच जुड़ाव, दस्त रोग निमोनिया कान व गले का संक्रमण आदि का खतरा कम होता है। मां के दूध में बच्चों के लिए प्रोटीन वसा कैलोरी लैक्टोज विटामिन लोहा खनिज पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते हैं। मां का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है। बच्चे को संक्रमण से सुरक्षित करता है। बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्तनपान का महत्व कोविड-19 संक्रमण के दौरान और अधिक हो जाता है क्योंकि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। प्रत्येक मां बल्कि कोरोना से ग्रसित मां को भी शिशु को अवश्य स्तनपान कराना चाहिए। विश्व स्तनपान सप्ताह में महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस सप्ताह महिलाओं को स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर भी किया जाएगा। शिशु के स्तनपान अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना भी इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य है। बच्चे को छह महीने तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए।
डॉ. सतीश कुमार सिन्हा
सिविल सर्जन, समस्तीपुर।