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नल से निकल रहा दूषित पानी, पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे लोग

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सभी लोगों को घर पर ही शुद्ध जल पहुंचाने का सरकारी दावा फ्लॉप साबित हो रहा है। विद्यापतिनगर प्रखंड की कई पंचायतों में अब तक जहां नल-जल योजना का कार्य आधा अधूरा पड़ा है। वहीं दूसरी ओर जहां नल से जल टपक भी रहा है वहां दूषित जल की सप्लाई होने से इस भीषण गर्मी में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 12:44 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 12:44 AM (IST)
नल से निकल रहा दूषित पानी, पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे लोग
नल से निकल रहा दूषित पानी, पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे लोग

समस्तीपुर । मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सभी लोगों को घर पर ही शुद्ध जल पहुंचाने का सरकारी दावा फ्लॉप साबित हो रहा है। विद्यापतिनगर प्रखंड की कई पंचायतों में अब तक जहां नल-जल योजना का कार्य आधा अधूरा पड़ा है। वहीं दूसरी ओर जहां नल से जल टपक भी रहा है वहां दूषित जल की सप्लाई होने से इस भीषण गर्मी में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

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सरकार हर घर नल का जल योजना के तहत जहां हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के प्रयास में लगी है,वहीं प्रखंड अंतर्गत मऊ धनेशपुर उत्तर पंचायत स्थित वार्ड दो के लोग दूषित पानी पीने को लाचार। पीएचईडी की सरकारी टोटियों से दूषित पानी आ रहा है। यह पानी पीने के लायक नहीं है। ऐसे में गांवों के लोग चापाकल या अन्य स्त्रोतों से पानी ले रहे हैं। प्रखंड की एक नहीं, कई पंचायतों में यही स्थिति है। मऊ धनेशपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड संख्या ग्यारह में शंकर साह के घर के समीप, वार्ड नौ में हनुमान मंदिर के निकट सहित अन्य दर्जनों जगहों पर पाइप फट जाने की वजह से पानी सड़क पर बह रहा है। इससे कई घरों तक पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। वहीं दूसरी ओर पाइप फटने के कारण दूषित जल की सप्लाई जारी है। लोग शिकायत करते करते थक गये लेकिन विभाग व संबंधित जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। नतीजतन लोगों में नाराजगी है। इधर मऊ धनेशपुर उतर पंचायत के वार्ड एक और आसपास के घरों की टोटियों में पिछले करीब दो माह से दूषित पानी आ रहा है। पानी में रेत और मिट्टी युक्त होने की वजह से लोग उसे पीना तो दूर नहाने और कपड़े धुलाई करने से भी बच रहे हैं। कुछ लोग चापाकल का सहारा ले रहे हैं तो कुछ को सरकारी हैंडपंप से पानी भरना पड़ रहा है। टोटी से अब आयरन युक्त गंदा पानी निकल रहा है। पानी में आयरन की मात्रा इतनी अधिक है कि पानी भरने का बर्तन तक पीला हो जा रहा है। वहीं जहां पर पानी भरा जाता है, टोटी का वह स्थान भी पीला हो चुका है। बताते चलें कि सप्लाई का पानी पीने लायक है कि नहीं इसकी जांच की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग की है। इस विभाग के अधिकारियों द्वारा नल के पानी की जांच का दावा किया जाता है, पर यह नहीं बताया जाता कि कितने जगह में किस प्रकार का पानी निकल रहा है और उसका उपयोग किया जाना चाहिए कि नहीं। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि कई बार तो घंटों तक पानी ही नहीं आता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वार्ड दो के साथ ही पासवान टोला, रजक टोला में भी ऐसी ही स्थिति है। यदि पीने का पानी दूषित है तो वह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। ऐसे में पीने का पानी शुद्ध होना जरूरी है। साथ ही भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पानी भी साफ होना चाहिए। कहती है वार्ड सदस्या

वार्ड सदस्या पूनम देवी का आरोप है कि सरकार की नल जल योजना पूरी तरह फेल हैं। जो पानी सरकार की ओर से सप्लाई किया जा रहा है वह पीना तो दूर की बात नहाने तक के लायक नहीं है। इसकी शिकायत कई बार जेईई व संवेदक से किया गया, बावजूद पानी की समस्या पर संज्ञान नहीं लिया गया। कहते हैं जेई

जेईई से जब उसके फोन नंबर 7979722247 पर सम्पर्क किया तो कोरोना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय हैं। हम अभी क्वांटाइन हैं। पानी की जांच के बाद ही कुछ बता पाएंगे।


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