अंगारघाट में पुल बनने के छह वर्ष बाद भी संपर्क पथ का निर्माण नहीं
उजियारपुर प्रखंड के अंगारघाट में बूढ़ी गंडक नदी पर पुल बनने के छह वर्ष बाद भी पुल का संपर्क पथ नही बनने से आवागमन में यात्रियों को परेशानी हो रही है। निर्माण के साथ ही पुल के संपर्क पथ के लिए मिट्टीकरण किया गया लेकिन उस पर आज तक पक्कीकरण नहीं हो सका है।
समस्तीपुर । उजियारपुर प्रखंड के अंगारघाट में बूढ़ी गंडक नदी पर पुल बनने के छह वर्ष बाद भी पुल का संपर्क पथ नही बनने से आवागमन में यात्रियों को परेशानी हो रही है। निर्माण के साथ ही पुल के संपर्क पथ के लिए मिट्टीकरण किया गया, लेकिन उस पर आज तक पक्कीकरण नहीं हो सका है। बहुतायत से गाड़ियों का इस कच्चे पथ पर होनेवाले आवागमन से धूल उड़ती रहती है। बारिश होने पर और भी स्थिति खराब हो जाती है। लोगों की मांग पर तीन माह पूर्व संपर्क पथ का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन निर्माण एजेंसी सड़क पर केवल मेटेरियल बिछा कर छोड़ दिया गया। इसके पुर्व स्थानीय लोगों ने जनसहयोग से ईट का टुकड़ा तथा छाई संपर्क पथ के गड्ढे में डालकर रास्ते को तत्काल चलने लायक बनाते रहे हैं। 16.08 करोड़ की लागत से वर्ष 2015 में बन कर चालू हो गया पुल
लंबे समय से की जा रही मांग व आंदोलन के बाद वर्ष 12 में पुल निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। बिहार राज्य पुल निगम के दरभंगा डिविजन द्वारा 16.08 करोड़ की लागत से बने पुल का निर्माण कार्य वर्ष 15 में पूरा हुआ। विधिवत उद्घाटन की राह देख रहे इस पुल के निर्माणाधीन संपर्क पथ को बनाने के प्रति जनप्रतिनिधियों में भी उदासीनता देखी जा रही है। कई प्रखंड व पंचायतों को जोड़ता है अंगारघाट पुल
अंगारघाट में बूढ़ी गंडक नदी पर पुल बनने से उजियारपुर, खानपुर, विभूतिपुर, दलसिंहसराय, जितवारपुर, वारिसनगर प्रखंड की दर्जनों पंचायत के लोगों को आवागमन में सुविधा होने के साथ दलसिंहसराय से दरभंगा को जोड़ने वाला एक प्रमुख पथ बन गया है। अंगार निवासी धीरेंद्र वर्मा लाला तथा राम जीनिश राय का कहना है कि सरकार की उदासीनता के कारण अब तक संपर्क पथ नहीं बन सका है। बिरनामा के रामविलास राय का कहना है कि विभाग के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण नित्य पुल से गुजरनेवाले लोग परेशानी झेलते हैं।