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ताजपुर की मिनी गन फैक्ट्री का मुंगेर से कनेक्शन

कभी पेंटर का काम करता था ताजपुर के गद्दोपुर का मो. मंजूर आलम। कामकाज भी ठीकठाक चलता था। घर-परिवार का भरण-पोषण भी हो जाता था। पर क्या सूझी कि हथियार बनाने और बेचने के काले धंधे से जुड़ गया। अपने ही घर में मिनी फैक्टरी खोल ली। मुंगेर से तार जुड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 12:15 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:17 AM (IST)
ताजपुर की मिनी गन फैक्ट्री का मुंगेर से कनेक्शन
ताजपुर की मिनी गन फैक्ट्री का मुंगेर से कनेक्शन

समस्तीपुर । कभी पेंटर का काम करता था ताजपुर के गद्दोपुर का मो. मंजूर आलम। कामकाज भी ठीकठाक चलता था। घर-परिवार का भरण-पोषण भी हो जाता था। पर, क्या सूझी कि हथियार बनाने और बेचने के काले धंधे से जुड़ गया। अपने ही घर में मिनी फैक्टरी खोल ली। मुंगेर से तार जुड़ गया। पेशेवर हथियार सप्लायरों से साठगांठ कर ली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मो. मंजूर आलम मुंगेर इलाके में पेंटिग का काम करता था। वहीं, उसकी मुलाकात मुफस्सिल थाने के मिर्जापुर निवासी अप्पू उर्फ इंजमामुल हक और वहीं के राजा उर्फ औरंगजेब से हुई। दोनों ने ही उसे हथियार बनाने के धंधे के बारे में समझाया। धंधे में उसे सहायता करने की बात कही। इस प्रकार वह दोनों को बुलाकर हथियार बनवाने लगा। धीरे-धीरे उनका धंधा फलने-फूलने लगा। यहां से हथियार की सप्लाई भी होने लगी।

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सफेदपोश से भी जुड़ रहे तार

सूत्रों से पता चला है कि इस धंधे में इलाके के कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं। पुलिस गंभीरतापूर्वक अनुसंधान करे तो कई राज खुल सकते हैं। बताया जा रहा कि हथियार सप्लाई करनेवाला निश्चित तौर पर कोई और है। पकड़े गए दोनों आरोपित हथियार बनाने के लिए कोई पहली बार नहीं आए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इनका पहले भी इलाके में आना-जाना था। इससे पहले भी कई बार ये लोग यहां आकर हथियार बना चुके हैं। मौके पर पुलिस की पूछताछ में भी दोनों ने यह बात कबूल की है।

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जिले में खपाए जा रहे अवैध हथियार

ताजपुर में मिनी हथियार फैक्ट्री के उद्भेदन कई राज खोल रहे। अव्वल तो जिले में अवैध हथियारों को खपाया जा रहा। तभी तो मुंगेर से अवैध हथियारों को बनाने में एक्सपर्ट को बुलाकर यहां बनवाने का काम चल रहा था। मुंगेर वैसे भी इस मामले में कुख्यात रहा है। स्थानीय लोग सवाल उठाते हैं कि जब पहले भी हथियार बना चुके हैं तो उस हथियार को कहां और किसे बेचा। स्थानीय लोग इससे आशंकित हैं। उनका कहना है कि अवैध हथियार बनाने के लिए पहले तो मुंगेर ही बदनाम था। अब ताजपुर भी बदनाम हो गया। यहां के युवा पथ भ्रमित हो जाएंगे। अभिभावकों को अपने बच्चों का भय सताने लगा है।

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ग्रामीणों को थी पहले से आशंका

आसपास के लोगों ने बताया कि तीन चार दिनों से मो. मंजूर के घर से खट-खट की आवाज आ रही थी। पहले तो लोग इसे नजरअंदाज करते रहे। लेकिन, लगातार आवाज आने से लोगों को शंका हुई। बुधवार को आसपास के लोग इकट्ठा होकर उस घर में घुस गए। वहां हथियार बनते देख सब सभी आश्चर्यचकित रह गए। पहली बार में किसी को यकीन नहीं हुआ। वहां मौजूद अपराधियों ने उन्हें धमकी भी दी। लेकिन, ग्रामीणों ने एकजुट होकर पुलिस को फोन किया था।

स्थानीय थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने अपने एक पदाधिकारी नवल किशोर को पुलिस फोर्स के साथ मौके पर भेजा था। पुलिस जब वहां पहुंची और हथियार का जखीरा देखा तो वह भी चौकन्नी हो गई। वहां मौजूद उक्त तीनों को दबोच लिया गया। उन्होंने मामले की सूचना वरीय अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष दल-बल के साथ पहुंचे। सभी को गिरफ्तार कर सभी हथियार बरामद कर लिया गया।


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