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आसमान में छाये रहेंगे बादल, मौसम रहेगा शुष्क

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा अगले 4 नवम्बर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 06:48 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 06:48 PM (IST)
आसमान में छाये रहेंगे बादल, मौसम रहेगा शुष्क
आसमान में छाये रहेंगे बादल, मौसम रहेगा शुष्क

समस्तीपुर । डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा अगले 4 नवम्बर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। इस अवधि में मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। मौसम पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि

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इस अवधि में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। जबकि न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।औसतन 5 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मुख्यत: पुरवा हवा चलने की संभावना है। इस दौरान सापेक्ष आ‌र्द्रता सुबह में करीब 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है। मंगलवार का तापमान अधिकतम तापमान : 31.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जबकि न्यूनतम तापमान: 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है।

किसानों के लिए वैज्ञानिकों के समसामयिक सुझाव में कहा है कि शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान धान की कटनी तथा दौनी के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा करें। मटर, लहसुन, धनियां, सूर्यमुखी एवं मसूर फसलों की बुआई प्राथमिकता से करें। बुआई से पूर्व खेत की मिटटी की नमी की स्थिति की जांच अवश्य कर लें। नमी के अभाव रहने पर खेत की हल्की ¨सचाई कर उसके बाद बुआई करें। नोडल पदाधिकारी ने कहा है कि रबी मक्का की बुआई शुरू कर दें। इसके लिए संकर किस्में शक्तिमान-1 सफेद, शक्तिमान- 2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान- 4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा- 11 नारंगी पीला, राजेन्द्र संकर मक्का- 1, राजेन्द्र संकर मक्का- 2 एवं राजेन्द्र संकर मक्का दीप ज्वाला तथा संकुल किस्में- जैसे देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद एवं सुआन पीला इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है। खेत की जुताई में 100-150 ¨क्वटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 75 किलोग्राम फास्फोरस एवं 50 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। बीज दर 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा दूरी 60गुणे 20 सेमी रखें।

आलू के लिए खेत की तैयारी एवं रोपाई करें। कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी बादशाह, कुफरी ज्योति, कुफरी ¨सदुरी, कुफरी अरुण, राजेन्द्र आलू- 1, राजेन्द्र आलू- 2 तथा राजेन्द्र आलू-3 इस क्षेत्र के लिए अनुसंसित किस्में है। बीज दर 20-25 ¨क्वटल प्रति हेक्टेयर रखें। पंक्ति से पक्ति की दुरी 50-60 सेमी एवं बीज से बीज की दूरी 15-20 सेमी रखें। आलू को काट कर लगाने पर तीन स्वस्थ आंख वाले टुकड़े को उपचारित कर 24 घंटे के अन्दर लगावें। बीज को एगलॉल या एमीसान के 0.5 प्रतिशत घोल या डाइथेन एम- 45 के 0.2 प्रतिशत घोल में 10 मिनट तक उपचारित कर छाया में सुखाकर रोपनी करें। समूचा आलू (20-40 ग्राम) लगाना श्रेष्यकर है। खेत की जुताई में कम्पोस्ट 200-250 क्विटल, 75 किलोग्राम नेत्रजन, 90 किलोग्राम फास्फोरस एवं 100 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें।


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