डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था में बदलाव, नए चिकित्सक की हुई तैनाती
समस्तीपुर जिले के किडनी मरीजों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें डायलिसिस के लिए टेक्नीशियन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
समस्तीपुर । समस्तीपुर जिले के किडनी मरीजों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें डायलिसिस के लिए टेक्नीशियन के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। नए चिकित्सक डॉ. अविनाश कुमार को पदस्थापित किया गया है। उनकी निगरानी में चार टेक्नीशियन भी हैं। इससे उम्मीद है कि अब व्यवस्था बदलेगी। साथ ही मरीजों का बेहतर उपचार होगा। मरीजों को निजी सेंटरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। सदर अस्पताल में ही एपीएल व बीपीएल परिवारों का निशुल्क डायलिसिस होगा। स्वास्थ्य विभाग ने अपोलो डायलिसिस सेंटर को सदर अस्पताल में डायलिसिस करने के लिए एजेंसी नियुक्त किया है।
विदित हो कि पूर्व में नियमों को ताक पर रखते हुए मरीजों का डायलिसिस किया जाता है। इस मामले को दैनिक जागरण ने 16 फरवरी को समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद नौ मार्च को फिर से चिकित्सक की अनुपस्थिति में डायलिसिस करने पर मरीज की तबीयत बिगड़ने से संबंधित खबर प्रकाशित की गई थी। सिविल सर्जन ने संज्ञान लेते हुए संबंधित एजेंसी को फटकार लगाई थी। जिसके बाद व्यवस्था में बदलाव करते हुए नए चिकित्सक को तैनात किया है। आउटसोर्सिग के तहत होता है संचालित
सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आउटसोर्सिंग के तहत डायलिसिस की निशुल्क सुविधा मरीजों को दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग से लोक निजी साझेदारी पहल के तहत अपोलो डायलिसिस के द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। इसमें गरीब व असहाय मरीजों के अलावा राशन कार्डधारी मरीजों को भी निशुल्क डायलिसिस किया जाना है। इधर, मरीजों से राशि लेने की भी शिकायत मिली थी। हालांकि, टेक्नीशियन ने बताया कि राशि लेने की शिकायत मिलने पर दोषी कर्मी को कार्य मुक्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किडनी की भूमिका महत्वपूर्ण
डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि किडनी से परेशान मरीजों को डायलिसिस के लिए अब दूसरे जगहों पर जाने की जरूरत नहीं होगी। मनुष्य के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किडनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शरीर में पानी और मिनरल्स को भी किडनी मेंटेन करती है। किडनी खराब होने की दशा में कई बार रक्त में मिनरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है। जिसे दुरुस्त रखने के लिए विशेष परिस्थिति में डॉक्टर द्वारा डायलिसिस कराने की सलाह दी जाती है।