केंद्रीय विश्वविद्यालय का मना 49 वां स्थापना दिवस
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने मंगलवार को अपना 49 वां स्थापना दिवस मनाया। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती भी मनाई गई।
समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने मंगलवार को अपना 49 वां स्थापना दिवस मनाया। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती भी मनाई गई। विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय परिसर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मौके पर विश्वविद्यालय के सभी डीन, डायरेक्टर एवं वैज्ञानिक के साथ-साथ कर्मचारियों ने भी देश के प्रथम राष्ट्रपति को पुष्प अर्पित कर श्रद्धा निवेदित किया। इसके उपरांत कुलपति ने विश्वविद्यालय के विद्यापति सभागार में अपने संबोधन में कहा कि लक्ष्य अगर सही दिशा में हो तो सफलता अवश्य मिलती है। जरूरत है लगन एवं ईमानदारी से अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करने की। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसकी मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद सामान्य परिवार के व्यक्ति थे। लेकिन, अपने लक्ष्य पर ईमानदारी पूर्वक चलते हुए देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए। कुलपति ने कहा कि आगामी 14 दिसंबर को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के घर जीरादेई में भी विश्वविद्यालय द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के पीजी के छात्रों को उनके आवास पर जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि छात्र वहां जाकर उनका घर एवं रहन-सहन देखकर आत्मचितन कर सकते हैं। इससे लक्ष्य को साधने में सफलता मिलेगी। कुलपति ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने ही लिखा था- प्रशिक्षक से बेहतर विद्यार्थी होते हैं। विश्वविद्यालय स्थापना दिवस कृषि शिक्षा दिवस के रूप में भी मना रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के छात्र एवं छात्राओं के द्वारा राजेंद्र बाबू की जीवनी पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया। मौके पर विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. मिथिलेश कुमार, बेसिक साइंस अधिष्ठाता डॉ. सोमनाथ राय चौधरी, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. एके मिश्रा, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. कांडू, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. आर सी राय, डॉ. मीरा सिंह, कृषि अभियंत्रण अधिष्ठाता डॉ अमरीश कुमार सहित विश्वविद्यालय के कई वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी मौजूद थे।