कुपोषण के खिलाफ चलेगा अभियान, छठ घाटों पर दी जाएगी पोषण की जानकारी
जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार पोषण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
समस्तीपुर । जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार पोषण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच त्योहार का भी सीजन चल रहा है। लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है। इसको देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नई पहल की शुरूआत की है। छठ घाटों पर आने वाले व्रतियों को पोषण का संदेश दिया जाएगा। पोषण के प्रति व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि छठ पूजा के दौरान जन-जागरूकता एवं आदतों में परिवर्तन लाने के लिए पोषण संबंधित संदेशों को प्रदर्शित किया जाए। ताकि आमजनों को पोषण के बारे में सही-सही जानकारी मिल सके। तोरण द्वार, स्टॉल व फल दुकानों पर लगेगा पोस्टर बैनर
छठ महापर्व के अवसर पर छठ घाटों पर चित्रात्मक संदेशों को फ्लेक्स व बैनर पर प्रिट कर मुख्य स्थलों के तोरण द्वार, अस्थायी निर्मित सुरक्षा दीवारों, छठ व्रतियों के लिए निर्मित अस्थाई स्नान घर, पूजा समितियों द्वारा निर्मित स्टॉल, पूजा कार्य के फल विक्रय स्थल पर प्रदर्शित किया जाए। सहयोगी संस्थाओं की ली जाएगी मदद
कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने में आईसीडीएस के साथ अन्य सहयोगी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाना है। सामूहिक सहभागिता से ही किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। पोषण अभियान को जन आंदोलन में तब्दील करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में केयर इंडिया, यूनिसेफ, पीरामल फाउंडेशन, पीसीआई, अलाइव एंड थ्राईव व अन्य डेवलेपमेंट पार्टनर का सहयोग लिया जाएगा। छह महीने तक पिलाएं सिर्फ मां का दूध
नवजात शिशु के लिए मां के दूध को अमृत माना जाता है। ऐसे में सर्दियों में उसका दिन में कम से कम चार-पांच बार सेवन करवाना बेहद फायदेमंद होता है। इससे उसे मौसमी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।