प्रभु राम के नाम मात्र से ही रावण जैसे अत्याचारी का हो जाता अंत
प्रभु श्री राम के नाम मात्र से ही मनुष्य के अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें स्वत प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। उक्त बातें पटोरी में आयोजित श्री राम कथा महायज्ञ में कथावाचक स्वामी संजय शास्त्री ने कही।
समस्तीपुर । प्रभु श्री राम के नाम मात्र से ही मनुष्य के अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। उक्त बातें पटोरी में आयोजित श्री राम कथा महायज्ञ में कथावाचक स्वामी संजय शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस तथा रामायण में प्रभु राम के आदर्शों का वर्णन है तो आज भी सामयिक और अनुकरणीय है। इन ग्रंथों में जहां जटायु के समर्पण की गाथा मिलती है, वहीं शबरी के अलौकिक प्रेम का दर्शन होता है। प्रभु हनुमान की शक्ति और भक्ति का भाव देखने को मिलता है। वहीं विभीषण के धर्मपरायण होने का सुपरिणाम भी देखने को मिलता है।अत्याचार और गलत का नतीजा भी इन महा ग्रंथों में देखने को मिलता है। प्रभु राम के चरित्र में संसार के सारे भाव का दर्शन होता है। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इस कार्यक्रम के कारण माहौल भक्तिमय हो गया है। इस कथा महाज्ञान यज्ञ में दूर-दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दोपहर से देर रात तक भक्ति कथाओं से श्रोता सराबोर होते रहे। कथावाचक स्वामी संजय शास्त्री जी महाराज ने राम से जुड़े कई प्रसंग सुनाये। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से ही हम ईश्वर के करीब पहुंचते हैं। उन्होंने भगवान श्रीराम की मार्मिक कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। उन्होंने कुशल राजा, अज्ञाकारी पुत्र, अनुकरणीय भाई एवं न्यायप्रिय शासक का एक ऐसा आदर्श स्थापित किया जिसके बगैर रामराज की स्थापना संभव नहीं है। कपड़ा व्यवसायी केदार प्रसाद खटोड़ के आयोजकत्व में चल रहे इस कार्यक्रम में बाहर से आये भजन गायकों के द्वारा एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम का संचालन भोला नाथ चौधरी ने किया।मौके पर विमल खटोड़, पुनीता खटोड़, शंकर प्रसाद लोहिया, उदय खटोड़, जगदीश खटोड़, रामभवन चौधरी, राजीव मिश्रा, ई. अवधेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।