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सिमरी में आपसी विवाद में भाई की गोली मारकर हत्या

समस्तीपुर। चकमेहसी थाना क्षेत्र के मालीनगर पंचायत स्थित सिमरी गाव में भाई ने ही भाई की गोली मारकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 11:58 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:09 AM (IST)
सिमरी में आपसी विवाद में 
भाई की गोली मारकर हत्या
सिमरी में आपसी विवाद में भाई की गोली मारकर हत्या

समस्तीपुर। चकमेहसी थाना क्षेत्र के मालीनगर पंचायत स्थित सिमरी गाव में भाई ने ही भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। गुरुवार की देर शाम पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है। बताया जाता है कि सिमरी गाव निवासी मोहन राय के पुत्र सुरेश राय ने अपने भाई 29 वर्षीय मुकेश राय पर आपसी रंजिश को लेकर 3- 4 गोली चलाई। गंभीर अवस्था में परिजनों ने सैदपुर स्थित एक निजी क्लीनिक में इलाज के लिए ले गए जहा चिकित्सकों ने मोहन को मृत घोषित किया। ग्रामीणों की माने तो पुरानी रंजिश को लेकर दोनों भाइयों के बीच तकरार चल रहा था इसको लेकर ग्रामीण स्तर पर गुरुवार के दिन पंचायत भी हुई। पंचायत में दोनों पक्षों को पूर्व मुखिया सहित अन्य ग्रामीण मामले को शात कराने को लेकर दोनों को मिलाने की कोशिश की। पंचायत के बाद सुरेश राय ने अपने भाई पर गोली चलाई जिससे उसकी मौत हुई। पुलिस विशेष बताने से अभी परहेज कर रही है। थानाध्यक्ष का कहना है कि सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारी के साथ पुलिस बल को गाव में भेजा गया है छानबीन बाद शव को कब्जे में लेकर समस्तीपुर सदर अस्पताल भेजा जा रहा है।

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------------------------------------------------- नीतियों के विरोध में स्टेशन मास्टरो ने मोमबत्ती जलाकर किया कार्य

जासं, समस्तीपुर : भत्ता समाप्त करने संबंधित नीतियों का विरोध करते हुए स्टेशन मास्टरों ने मोमबत्ती जलाकर साकेतिक विरोध किया। स्टेशन मास्टरों की रात्रि ड्यूटी भत्ता निर्धारण में वेतन का सीलिंग कर दिया गया है। इसे सभी कर्मचारी अन्यायपूर्ण निर्णय मानते हैं। विदित हो कि रेलवे कर्मचारियों को एवं अधिकारियों को कई तरह के भत्ते मिलते हैं। जिनमें एक भत्ता रात्रि ड्यूटी भत्ता भी है। इसे प्रदान करने के कारणों के पीछे विभाग मानती है कि रात्रि में काम करने से कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी भरपाई के लिए रेल प्रशासन रात्रि ड्यूटी भत्ता के रूप में कुछ रकम देती है। कर्मचारी उसका उपयोग सप्लीमेंट्री भोज्य पदार्थ को लेने में करते हैं और अपने स्वास्थ्य को सही रखते हैं। वेतन आयोग जब कर्मचारियों के वेतन पर विचार करती है तो इन भत्तों को भी कर्मचारियों की सुविधा में और आय में जोड़कर वेतन का निर्धारण करती है। लेकिन वर्षो से चले आ रहे इस भत्ते पर, वर्तमान सरकार ने बिना किसी न्यायोचित तर्क के ग्रहण लगा दिया है।इससे पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर एवं अन्य कर्मचारियों में इस सरकार के प्रति रोष देखने को मिल रहा है । मंडल अध्यक्ष-गणेश कुमार झा ने बताया कि यदि आज के कैंडल मार्च से सरकार नहीं जगी, तो 20 अक्टूबर से लगातार एक सप्ताह तक ब्लैक- रिबन या फीता लगाकर स्टेशन मास्टर कार्य करेंगे। 31 अक्टूबर को भारतीय रेल के सभी स्टेशन मास्टर 12 घटे का भूख हड़ताल करेंगे।

आइस्मा के भूतपूर्व जोनल अध्यक्ष मुंद्गिका प्रसाद प्रसाद सिंह ने बताया कि स्टेशन मास्टरों की ड्यूटी काफी संवेदनशील है और वह रात्रि में लगातार जग कर गाड़ियों का संरक्षित और सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करते हैं। ऐसी परिस्थिति में इनको इस तरह से मानसिक प्रताड़ना देना कहीं से भी उचित निर्णय नहीं है और रेल संरक्षा को प्रभावित करने वाला निर्णय माना जा सकता है।


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