पिकअप की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत
समस्तीपुर। एसएच 55 पर शहर के महावीर चौक के निकट तेज रफ्तार पिकअप की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान रघुनाथ दास के पुत्र मोहन कुमार दास (30) के रूप में हुई।
समस्तीपुर। एसएच 55 पर शहर के महावीर चौक के निकट तेज रफ्तार पिकअप की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान रघुनाथ दास के पुत्र मोहन कुमार दास (30) के रूप में हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम में भेज दिया है। वहीं, घटनास्थल पर खड़ी पिकअप को भी जब्त कर ली है। जबकि मौका देखकर पिकअप चालक फरार होने में सफल रहा। बुधवार की रात्रि में हुई घटना से आक्रोशित लोगों ने गुरुवार की सुबह युवक के शव के साथ महावीर चौक को जाम कर दिया। जिससे एसएच-55 के साथ-साथ ब्लाक रोड एवं गुदरी रोड में भी यातायात 2 घंटे तक बाधित रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक रोड में हर-एक माल की दुकानदारी करने वाला मोहन रात्रि करीब 9:30 बजे गांधी चौक की ओर से अपने आवास की ओर बाइक से आ रहा था। इसी क्रम में महावीर चौक से पहले वैधनाथ सुपर मार्केट के सामने वह विपरीत दिशा से आ रही पिकअप वैन के चपेट में आ गया। आनन-फानन में लोगों ने उसे एक निजी क्लीनिक में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर से पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम कराने के पश्चात परिजनों को सौंप दिया। घटना से आक्रोशित मोहल्लेवासी शुक्रवार की सुबह 9 बजे ही एंबुलेंस पर लदे शव के साथ महावीर चौक को जाम कर दिया। आंदोलन में शामिल लोग मृतक के परिजन को मुआवजा देने तथा शहरी क्षेत्र में रफ्तार पर ब्रेक लगाने की मांग कर रहे थे। सूचना पर दल बल के साथ पहुंचे अंचलाधिकारी अंबपाली यादव द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद लोगों ने जाम हटाया। मौके पर नप के मुख्य पार्षद श्याम बाबू सिंह, युवा समाजसेवी मनीष रजक के अलावा पुलिस पदाधिकारी उपेंद्र सिंह, महेश पासवान, प्रमोद प्रभाकर, शिव शंकर यादव, गंगा प्रसाद आदि दल बल के साथ मौजूद थे। इस दौरान 9 से 11 बजे करीब दो घंटे तक एसएच 55 समेत गुदरी रोड एवं ब्लाक रोड में यातायात बाधित रहा। जिसके कारण दोनों और वाहनों की लंबी कतार लगी थी। -----------------
युवा अवस्था में में विधवा बनी आरती, तीन मासूमों के सर से उठा पिता का साया रोसड़ा, संस : सड़क दुर्घटना में मोहन की मौत की खबर मिलने के बाद से ही परिजनों में कोहराम मचा है। युवा अवस्था में ही विधवा बनी 25 वर्षीया आरती की चित्कार रुकने का नाम नहीं ले रहा था। तीन छोटे-छोटे मासूम बच्चों को अपने सामने बिठाकर वह बस रोए जा रही थी। वही मां माया देवी रोते-रोते कई बार बेहोश हो चुकी थी। परिवार के भरण-पोषण का एकमात्र सहारा घर के लाल की हुई दर्दनाक मौत पर वह फफक-फफक कर रो रही थी। परिवार के भविष्य पर सोचते हुए ऊपर वाले को कोस रही थी। वहीं, बीमार पिता रघुनाथ दास अपने छोटे पुत्र विकास को पकड़कर आंसू बहा रहे थे। रोते बिलखते उन्होंने करीब 3 दशक पूर्व अपने गांव शाहपुर पटोरी से रोसड़ा में आकर व्यवसाय करना बताया। वर्तमान में पूरा कारवार मोहन के द्वारा ही संभालने की जानकारी देते हुए कहा अब क्या होगा? भगवान ही मालिक है। लक्ष्मीपुर स्थित भाड़े के मकान में रह रहे रघुनाथ दास के घर के सामने लोगों की भीड़ लगी थी। महिलाएं, पत्नी और मां को ढांढस बंधा रही थी।