प्रदेश के पिछड़ेपन के लिए बिहार की राजनीति दोषी
स्थानीय महिला कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 और बाढ़ का प्रभाव विषय पर रविवार को एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ।
समस्तीपुर । स्थानीय महिला कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 और बाढ़ का प्रभाव विषय पर रविवार को एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ। इस वेबिनार में रिसोर्स पर्सन के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राज किशोर झा ने कहा कि कोविड-19 और बाढ़ ने बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत ही नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। जब तक बिहार को केंद्रित होकर योजना नहीं बनती तब तक बिहार का विकास नहीं हो सकता। भारतीय आर्थिक परिषद के संयुक्त सचिव प्रो. नागेश्वर शर्मा ने बिहार की अर्थव्यवस्था के लिए वोकल फॉर लोकल को सही बताया। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ और कोरोना के संकट में राजनीति हो रही है। बिहार के पिछड़ेपन के लिए बिहार की राजनीति जिम्मेदार है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राम भरत ठाकुर ने कहा कि यदि बिहार में नदी से नदी जोड़ो परियोजना होती तो एक साथ बाढ़ और सुखार से निजात पा जाते। अप्रवासी श्रमिक जो लगभग 20-25 लाख की संख्या में है, उनकी स्थिति दयनीय है। बिहार में औद्योगिक संरचना कमजोर होने के कारण आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना का प्रभाव नकारात्मक ही देखने को मिलेगा। प्रधानाचार्य डॉ. शंभू कुमार यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संयोजक डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने विषय प्रवेश कराया। धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. रिकी कुमारी ने किया।