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दवा जलाने में निलंबित एएनएम आमरण अनशन पर

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दलसिंहसराय अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र बसढि़या में सरकारी दवा जलाने के मामले में निलंबित एएनएम अनिता कुमारी बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय में आमरण अनशन शुरू कीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 01:48 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 01:48 AM (IST)
दवा जलाने में निलंबित एएनएम आमरण अनशन पर
दवा जलाने में निलंबित एएनएम आमरण अनशन पर

समस्तीपुर । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दलसिंहसराय अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र बसढि़या में सरकारी दवा जलाने के मामले में निलंबित एएनएम अनिता कुमारी बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय में आमरण अनशन शुरू कीं। वे मामले में निर्धारित जुर्माने को माफ करते हुए निलंबन मुक्ति की मांग कर रही हैं। साथ ही, कहा है कि निलंबन अवधि में जीवनयापन भत्ता नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति दयनीय होने को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिविल सर्जन ने भी जीवनयापन भत्ता नहीं मिलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जवाब तलब किया है। पूरे मामले को लेकर मुख्यालय में रिपोर्ट तलब किया है। इसको लेकर पीड़िता ने सिविल सर्जन कार्यालय में लिखित आवेदन दिया है। इसमें बताया है कि खसरा-रूबेला में प्रतिनियुक्त एएनएम को रात्रि में अनुपस्थिति में स्वास्थ्य उपकेंद्र में मरम्मत एवं पेंटिग के दौरान दवा, सरकारी कागजात एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र के कुछ रजिस्टर जजले पाए गए थे। इस मामले में निलंबित करते हुए मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायरंजन पदस्थापित कर दिया गया। साथ ही निलंबन अवधि में गुजारा भत्ता नहीं देने के कारण आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई। इसको लेकर जुर्माना से माफ करते हुए निलंबन करने की मांग की। गोपगुट के जिला मंत्री अजय कुमार ने सीएस से मामले में उचित कार्रवाई करते हुए अनशन समाप्त कराने की मांग की।

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जांच टीम ने दोनों एएनएम को ठहराया था दोषी

स्वास्थ्य उपकेंद्र बसढि़या में दवा जलने के मामले में सिविल सर्जन ने जांच कमेटी गठित की थी। जिलाधिकारी के आदेश पर सीएस ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों की टीम गठित की। इसमें जिला वैक्टर बोर्न डिजिज पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार, तत्कालीन गैर संचारी पदाधिकारी डॉ. शिवनाथ शरण, डीपीएम एसके दास, डीपीसी आदित्य नाथ झा को शामिल किया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस ने एएनएम अनिता कुमारी एवं अंजना कुमारी को दवा जल जाने के आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था। टीम ने रिपोर्ट में बताया था कि एएनएम के द्वारा दवा के एक्सपायर्ड होने से पूर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी जानी थी जो नहीं दी गई। एएनएम अंजना कुमारी ने बताया कि उनके द्वारा कोई दवा प्राप्त नहीं की गई थी। इसका मतलब यह हुआ कि यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन, एएनएम द्वारा दवा वितरण तो किया जाता था, इस वजह से उसके द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अवगत कराया जा सकता था। लेकिन, दवा जलाने वाले के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी।

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जली दवा के लिए तय हुई थी जुर्माना राशि

जांच रिपोर्ट में मामले सामने आया कि संस्थान में पदस्थापित दोनों एएनएम के पदस्थापन अवधि में दवा एक्सपायर्ड हुई थी। इसलिए सरकारी राशि की वसूली दोनों से की जा सकती है। दोनों एएनएम को निलंबित करते हुए अन्यत्र पदस्थापित किया जा सकता है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जलाई गई दवा की अनुमानित राशि 15 हजार 941 रुपये निर्धारित हुई। इसमें दोनों एएनएम को आधी-आधी सरकारी खाते में जमा करने का आदेश दिया गया।


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