रोसड़ा में बूढ़ी गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी
रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में जारी बढ़ोतरी को देख लोगों में बाढ़ की आशंका बढ़ने लगी है। हालांकि विभागीय अभियंता तटबंध को सुरक्षित बताते हुए सतत चौकसी का दावा कर रहे हैं। लेकिन नदी के खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बहने के कारण लोग पूर्व में आई बाढ़ को याद कर दहशतजदा हैं।
समस्तीपुर । रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में जारी बढ़ोतरी को देख लोगों में बाढ़ की आशंका बढ़ने लगी है। हालांकि विभागीय अभियंता तटबंध को सुरक्षित बताते हुए सतत चौकसी का दावा कर रहे हैं। लेकिन, नदी के खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बहने के कारण लोग पूर्व में आई बाढ़ को याद कर दहशतजदा हैं। जानकारी के अनुसार रोसड़ा में बूढ़ी गंडक नदी अभी खतरे के लाल निशान से 1 मीटर 48 सेमी ऊपर बह रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आज पूरे दिन में केवल 4 से 5 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन, नदी का ट्रेंड अभी भी बढ़ने का ही है। इधर, पानी बढ़ने के कारण तटबंध और नदी के बीच बसे कई नए घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है। प्रभावित लोग सभी कीमती सामान के साथ तटबंध का सहारा ले चुके हैं।
पेयजल और चारा की है समस्या
तटबंध का सहारा लिए लोगों के समक्ष पेयजल के साथ साथ पशुओं के चारा की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। चापाकल नहीं रहने के कारण लोगों को पानी पीने के लिए काफी दूर से भरकर लाना पड़ता है। प्रभावित लोगों की माने तो तटबंध और नदी के बीच घर के अंदर और बाहर लगे चापाकल भी पानी में डूब जाने के कारण स्वच्छ पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। आसपास के मोहल्लों से पीने का पानी भरकर किसी प्रकार काम चलाया जा रहा है। लोगों ने तटबंध पर चापाकल लगाने की मांग प्रशासन से की है। वहीं पशुपालकों के समक्ष पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। पानी पशुपालकों ने कहा कि वे तो पशुओं को बेचने के लिए मजबूर हैं।
वर्जन
बूढ़ी गंडक के जलस्तर में दिन भर में करीब महज 4 से 5 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है वर्तमान में नदी को स्थिर ही माना जाएगा। लेकिन अभी भी नदी का ट्रेंड बढ़ने का ही है। नदी के दोनों बायां और दायां तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। लगातार विभागीय चौकसी जारी है।
सरोज कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा
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