मशरूम उत्पादन को उद्योग के रूप में विस्तारित करने का लक्ष्य
समस्तीपुर। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च के सभागार में मशरूम उत्पादन के लिए मास्टर ट्रेनरों का 15 दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से प्रारंभ हुआ।
समस्तीपुर। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च के सभागार में मशरूम उत्पादन के लिए मास्टर ट्रेनरों का 15 दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार से प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ एनके सिंह ने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर मशरूम उत्पादन में बिहार पहले पायदान पर है। जिसकी वजह है कि उनका प्रशिक्षण। सही तरीके से उपलब्ध कराए गए प्रशिक्षण से ही आज बिहार ने मशरूम उत्पादन में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। इसलिए प्रशिक्षण को मजबूत बनाने के लिए मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित करना आवश्यक है। मौके पर वैज्ञानिक डॉ विनय कुमार शर्मा ने कहा कि उत्पादन से लेकर व्यवसायीकरण तक सभी आयामों पर प्रशिक्षण में विस्तार के साथ बताया जाना है। संचालन सह धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एडवांस सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च के निदेशक डॉ दयाराम ने कहा कि बिहार में छह मशरूम प्रजाति की व्यवसायिक स्तर पर खेती की जा रही है। जिससे 28 हजार 700 टन का सालाना उत्पादन हो रहा है। एक टन कच्चा मशरूम उत्पादन करने में 20 से 25 व्यक्ति का रोजगार सृजन भी होता है। राज्य सरकार के आंकड़ा से ज्यादा मशरूम उत्पादन हो रहा है। समुचित बाजार की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। मौके पर आगरा से पारू त्यागी, रोसड़ा से अनामिका, गोपालगंज से रेखा कुमारी, मधुबनी से प्रेमा कुमारी, अश्वनी कुमारी, संगीता कुमारी आदि प्रतिभागी मौजूद रहे। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय स्थित पंचतंत्र सभागार में आत्मा नवादा के सौजन्य से मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण विषय पर चार दिनी प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक प्रशिक्षण डॉ पुष्पा सिंह ने कहा कि मशरूम उत्पादन कृषि आधारित उद्योग है। इस व्यवसाय को राज्य के किसान क्रांति के रूप में बढ़ाकर देश ही नही बल्कि विश्व स्तर पर मुकाम हासिल करने में सफलता हासिल किया है। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ अनुपमा कुमारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मशरूम उत्पादन को उद्योग के रूप में विस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है।