Move to Jagran APP

एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य, 20 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के वेतन पर रोक

समस्तीपुर। स्वस्थ जीविका दीदी अभियान के तहत एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य रहने के मामले में 20 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 12:04 AM (IST)
एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य, 20 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के वेतन पर रोक
एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य, 20 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के वेतन पर रोक

समस्तीपुर। स्वस्थ जीविका दीदी अभियान के तहत एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य रहने के मामले में 20 प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगाई गई है। सिविल सर्जन डा. सत्येन्द्र कुमार गुप्ता ने राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के आदेश पर कार्रवाई की है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र समस्तीपुर, कल्याणपुर, ताजपुर, खानपुर, वारिसनगर, सरायरंजन, मोरवा, पूसा, रोसड़ा, हसनपुर, बिथान, सिघिया, शिवाजीनगर, विभूतिपुर, दलसिंहसराय, विद्यापतिनगर, मोहिउद्दीनगर, पटोरी, मोहनपुर और उजियारपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का वेतन और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक का मानदेय अगले आदेश तक (जब तक कि एनसीडी स्क्रीनिग में सुधार नहीं होता है) रोक दिया गया है। स्वस्थ जीविका दीदी अभियान के तहत जीविका के क्लस्टर फेडरेशन पर कैंप आयोजित कर जीविका दीदी एवं उनके परिवारजनों की एनसीडी स्क्रीनिग का कार्य कराया जाना है। जांचना था पौने दो लाख का, जांचें महज 2277 का ही

loksabha election banner

स्वस्थ जीविका दीदी अभियान के तहत कलस्टर फेडरेशन स्तर पर शिविर का आयोजन करके वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के 30 साल से अधिक उम्र की तीन लाख 85 हजार 830 जीविका दीदी व उनके परिजनों के अलावा अन्य लोगों का एनसीडी स्क्रीनिग यानी गैर संचारी रोगों का जांच किया जाना था। लेकिन समस्तीपुर जिले के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से लेकर दिसंबर 2021 के बीच जिले में महज 2277 जीविका दीदी व उनके परिजनों का ही एनसीडी जांच किया जा सका, जो कि लक्षित आबादी का महज 0.69 प्रतिशत ही है। जिले के चार अस्पतालों ने तो एक भी जांच नहीं

जिले के चार प्रखंड क्षेत्र में तो इस दौरान एक भी जीविका दीदी व उनके परिजनों और अन्य लोगों का एनसीडी जांच नहीं किया गया। इसमें विभूतिपुर, हसनपुर, सरायरंजन व सिघिया शामिल हैं। इसके अलावा वारिसनगर में एक, पूसा व मोरवा में 4-4, समस्तीपुर में 18, खानपुर में 19, रोसड़ा में 23, बिथान में 27, पटोरी में 32 का एनसीडी स्क्रीनिग किया गया। आठ प्रखंड में एनसीडी जांच का आंकड़ा 90 से ऊपर पहुंच पाया

एनसीडी स्क्रीनिग के मामले में जिले के प्रखंड क्षेत्र ऐसे रहे, जहां पर गैर संचारी रोग जांच का आंकड़ा 90 से ऊपर रहा। अप्रैल से लेकर दिसंबर 2021 के बीच विद्यापतिनगर में 944, मोहनपुर में 274, उजियारपुर में 263, दलसिंहसराय में 235, मोहिउद्दीनगर में 131, ताजपुर में 118, कल्याणपुर व शिवाजीनगर में 92-92 का एनसीडी स्क्रीनिग किया गया। गैर संचारी रोगों के तहत जांचा जाता है बीपी-शुगर

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. विजय कुमार ने बताया कि गैर संचारी रोग (एनसीडी) जांच के तहत जिले के 30 साल से अधिक उम्र की जीविका दीदी एवं उनके परिजनों का बीपी, शुगर व मोटापे की जांच की जाती है। मोटापे की जांच के तहत उम्र, लंबाई व वजन के हिसाब से बीएमआई यानी बॉडी मॉस इंडेक्स निकाला जाता है। आगे न केवल जीविका दीदी बल्कि जिले के 30 साल से अधिक उम्र के लोगों का एनसीडी जांच की जाएगी। राज्य स्तर पर समीक्षा में गड़बड़ी का हुआ खुलासा

एनसीडी स्क्रीनिग की उपलब्धि नगण्य रहने के मामले में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक पदाधिकारी ने समीक्षा की।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 14वें सीआरएम दल के द्वारा भी एनसीडी स्क्रीनिग को गति प्रदान करने की अनुशंसा की गई है। इसके बावजूद 30 नवंबर 2021 एवं 17 दिसंबर 2021 को इस कार्यक्रम की समीक्षा के उपरांत 21 दिसंबर 2021 तक जिलावार उपलब्धि का अवलोकन किया गया। अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि यह उपलब्धि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के प्रति लापरवाही को दर्शाता है, जो कि अत्यंत ही खेदजनक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.