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एमआर जनता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पर 70.39 लाख रुपये गबन की प्राथमिकी

उजियारपुर प्रखंड के लखनीपुर महेशपट्टी स्थित एमआर जनता महाविद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य हरिश्चंद्र राय पर 70.39 लाख रुपये गबन करने के आरोप में प्रबंधक सह सचिव मेराजूर रहमान ने उजियारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 12:12 AM (IST)
एमआर जनता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पर 70.39 लाख रुपये गबन की प्राथमिकी
एमआर जनता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पर 70.39 लाख रुपये गबन की प्राथमिकी

समस्तीपुर । उजियारपुर प्रखंड के लखनीपुर महेशपट्टी स्थित एमआर जनता महाविद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य हरिश्चंद्र राय पर 70.39 लाख रुपये गबन करने के आरोप में प्रबंधक सह सचिव मेराजूर रहमान ने उजियारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उजियारपुर थानाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अंडर सेक्शन 406/408/420 आईपीसी के तहत कांड संख्या 300/20 में मामला दर्ज किया। सचिव ने पूरे मामले की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दी है। साथ ही बताया है कि राशि गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज होने के उपरांत कॉलेज में नया प्राचार्य नियुक्त किया गया है। प्रभारी प्राचार्य के पद पर हरिश्चंद्र राय को पूर्व में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राधिकृत किया गया था। इसके बाद कॉलेज के छात्रों द्वारा विभिन्न मदों में जमा राशि कॉलेज के खाता में गबन करने के उद्देश्य से जमा नहीं किया। प्राथमिकी दर्ज होने के उपरांत वित्तीय अनियमितता, भ्रष्ट आचरण एवं शासी निकाय के आदेश का अनुपालन नहीं करने के साथ-साथ कॉलेज से फरार रहने के कारण प्रभारी प्राचार्य सह व्याख्याता पद से निलंबित कर दिया। सचिव ने तत्काल प्रभाव से उर्दू व्याख्याता प्रो. डॉ. राहत हुसैन को प्रभारी प्राचार्य के पद पर अगले आदेश तक नियुक्त किया है। पूर्व में भी गबन के बाद किया गया था पदमुक्त

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मुस्लिम एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एमआर जनता कॉलेज का प्रबंधन एवं संचालन किया जा रहा है। तत्कालीन कॉलेज शासी निकाय एवं प्रबंधन समिति द्वारा प्रभारी प्राचार्य के पद पर हरिश्चंद्र राय को 12 जुलाई 2017 को नियुक्त किया गया था। इसमें दिनांक 12 जुलाई 2017 से 25 नवंबर 2018 की अवधि में कॉलेज की राशि लगभग 39 लाख 61 हजार 216 रुपये गबन कर लिया। इसको को लेकर शासी निकाय एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने 26 नवंबर 2018 को स्पष्टीकरण की मांग की। इसके बाद पद मुक्त कर दिया गया। प्रभारी प्राचार्य हरिश्चंद्र राय को पद से पदमुक्त करने के बाद शासी निकाय की बैठक के आलोक में 11 दिसंबर 2018 को कॉलेज का प्रभार प्रो. रामबाबू रजक को सौंप दिया गया। कॉलेज के छात्रों का नामांकन व परीक्षा प्रपत्र की राशि का हुआ गबन

प्रभारी प्राचार्य ने कॉलेज से गबन की गई राशि को कॉलेज के बैंक खाता में जमा करने और आवश्यक कागजात जमा कर देने की बात स्वीकार की। लेकिन कॉलेज की उक्त राशि को खाता में जमा नहीं किया। राम बाबू रजक की सेवानिवृत के बाद जन्तु विज्ञान विभाग के व्याख्याता राम बाबू राय को प्रभार सौंपा गया। श्री राय 31 जनवरी से 30 अप्रैल 2020 तक प्रभारी प्राचार्य के पद पर रहे। 30 अप्रैल को सेवानिवृत होने के बाद पुन: हरिश्चंद्र राय को महाविद्यालय का संपूर्ण प्रभार सौंप दिया। प्रभारी प्राचार्य बनने के बाद फर्जी कागजात के आधार पर पुन: कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बनने के लिए एक पत्र डीईओ से निर्गत करवा लिया। श्री राय प्रभारी प्राचार्य बनने के बाद कॉलेज के छात्रों का नामांकन, परीक्षा प्रपत्र भरने और कॉलेज से उत्तीर्ण हुए छात्रों का सीएलसी का शुल्क जो छात्रों द्वारा कॉलेज में जमा किए गए शुल्क की राशि लगभग 30 लाख 78 हजार छह सौ रुपये गबन करने के उद्देश्य से कॉलेज के बैंक खाता में जमा नहीं किया। इसके आधार पर कुल 70 लाख 39 हजार 816 रुपये गबन कर लिया गया।


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