Move to Jagran APP

10 प्रवासी श्रमिकों के सपनों को मिली उड़ान, किसान ने प्लेन से भेजा घर

लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे समस्तीपुर के 10 प्रवासी किसान श्रमिक के सपनों को पंख लगे। उन सपनों की उड़ान सरजमीं तक ले आई। गुरुवार को अपनों के बीच पाकर सुकून से भर उठे। खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर गांव निवासी ये सभी दिल्ली के बख्तावरपुर इलाके के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह गहलोत के मशरूम फर्म में काम करते थे। सीजन खत्म होने के बाद वे लौट जाते। लेकिन इस बार लॉकडाउन में फंस गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 01:12 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 01:12 AM (IST)
10 प्रवासी श्रमिकों के सपनों को मिली उड़ान, किसान ने प्लेन से भेजा घर
10 प्रवासी श्रमिकों के सपनों को मिली उड़ान, किसान ने प्लेन से भेजा घर

समस्तीपुर । लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे समस्तीपुर के 10 प्रवासी किसान श्रमिक के सपनों को पंख लगे। उन सपनों की उड़ान सरजमीं तक ले आई। गुरुवार को अपनों के बीच पाकर सुकून से भर उठे। खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर गांव निवासी ये सभी दिल्ली के बख्तावरपुर इलाके के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह गहलोत के मशरूम फर्म में काम करते थे। सीजन खत्म होने के बाद वे लौट जाते। लेकिन, इस बार लॉकडाउन में फंस गए।

loksabha election banner

किसानों के घर जाने की इच्छा पर पप्पन सिंह ने उन्हें ट्रेन की जगह फ्लाइट से उनके गांव भेजने का निश्चय किया। इसके लिए फ्लाइट सेवा शुरू होने का इंतजार किया। परिस्थितियां थोड़ी सामान्य हुईं तो उन्होंने 68 हजार रुपये खर्च कर सभी के टिकट बुक कराए। गुरुवार की सुबह छह बजे दिल्ली से पटना के लिए इंडिगो विमान ने उड़ान भरी जो 07:15 बजे पटना पहुंची। एयरपोर्ट तक छोड़ने खुद उनके भाई पहुंचे थे। पटना पहुंचने के बाद दो कार रिजर्व कर खानपुर पहुंचे। फिलहाल, उन्हें प्रखंड मुख्यालय स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। ट्रेन में नहीं मिली बुकिग

किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि सभी ने विशेष श्रमिक एक्सप्रेस में सीट के लिए सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण कराया। लेकिन, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने लाखों प्रवासियों को श्रमिक ट्रेन से जाने के लिए चिलचिलाती धूप में लाइन लगते देखा। उन्होंने कहा, ये हमारे साथी हैं। उन्हें इस हाल में नहीं छोड़ सकते। सभी बहुत पुराने कर्मचारी हैं और कई वर्षों से मेरे फर्म में काम कर रहे हैं। फिर, इनके लिए फ्लाइट की बात सोची। पत्नी, भाई और बेटी के सहयोग से सभी के लिए फ्लाइट का टिकट बुक करा दिया। चलते समय उन्हें रास्ते में खर्च और घर तक पहुंचने के लिए पैसे भी दिए। यहां तक कि खानपुर पहुंचने तक फॉलोअप लिया। फ्लाइट से यात्रा करनेवाले पहले व्यक्ति

पप्पन सिंह के फर्म में काम करनेवाले नवीन राम कहते हैं कि लॉकडाउन में भी हमें वहां कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन, काम खत्म होने के बाद घर आने का मन था। पर, लॉकडाउन और ट्रेन की स्थिति देख हिम्मत नहीं हो रही थी। हवाई जहाज पर बैठने की कभी उन्होंने सोची भी नहीं थी। लेकिन, यह सब सपने जैसा है। किसान लखिदर राम बताते हैं कि दिल्ली में किसान के यहां पिछले 27 वर्ष से काम कर रहे हैं। उन्होंने कभी किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी। लॉकडाउन में भी सभी को मुफ्त में खाना खिलाया। घर के सदस्य की तरह रखा। उनका कहना है कि अगर वे फिर बुलाते हैं तो जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.