पंचायत को मिली कुओं के जीर्णोद्धार की जिम्मेवारी
सहरसा। कुआं हमारी संस्कृति का प्रतीक है। जल जीवन व हरियाली अभियान के तहत गायब और अतिक्र
सहरसा। कुआं हमारी संस्कृति का प्रतीक है। जल, जीवन व हरियाली अभियान के तहत गायब और अतिक्रमित कुओं की खोज अबतक जिला प्रशासन पूरा नहीं कर सका है। फलस्वरूप जाम पड़े कुओं का जीर्णोद्धार भी नहीं किया जा सका है। राज्य सरकार ने अब इस काम को पंचायतीराज विभाग को सौंप दिया है। पंचायतों में इन कुओं की खोज के साथ-साथ अभियान के तहत सभी सार्वजनिक कुंओं के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया गया है। पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसके लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है।
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15वें वित्त आयोग की राशि
से होगा जीर्णोद्धार कार्य
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सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार 15वें वित्त आयोग की राशि से करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए सीओ को पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से सभी कुओं की खोज करने और उसका प्राक्कलन बनाकर हर हाल में 31 मार्च तक जीर्णोद्धार कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कुंआ की स्थिति, कार्य प्रारंभ होने व जीर्णोद्धार उपरांत कुंआ की तस्वीर भी ऑनलाइन करने का आदेश दिया गया है।
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जिले में अबतक नहीं मिल पाया 1597 कुआं
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एरियल सर्वेंक्षण और सरकारी संचिकाओं के मुताबिक, जिले में कुल 2704 सार्वजनिक कुंआ है, अबतक इसमें मात्र 1035 कुंआ चिह्नित किया जा सका। 1597 कुंआ की खोज अबतक नहीं की जा सकी है।
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प्रखंडवार कुआं की स्थिति
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प्रखंड- कुल कुआं- चिह्नित कुआं
बनमा इटहरी - 112 - 41
कहरा- 264 - 90
महिषी- 86 - 86
नवहट्टा - 93 - 57
पतरघट- 143 - 419
सलखुआ- 94 - 59
सत्तरकटैया- 353 - 68
सौरबाजार- 365 - 20
सिमरीबख्तियारपुर- 590 - 171
सोनवर्षा- 604 - 24
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जिले में विभागीय सर्वेक्षण के आधार पर सभी कुंआ की खोजकर उसके जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 15वें वित्त आयोग की राशि से इन सभी कुंआ का जीर्णोद्धार कार्य 31 मार्च 2021 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
अजमल खुर्शीद,
जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, सहरसा।