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मार्च तक हर हाल में पूरा करें मठों व मंदिरों की जमीन का सीमांकन : मंत्री

संस सहरसा शनिवार को सूबे के गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री तथा कला संस्कृति मंत्री ने कोसी प्रमं

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 07:22 PM (IST)
मार्च तक हर हाल में पूरा करें मठों व मंदिरों की जमीन का सीमांकन : मंत्री
मार्च तक हर हाल में पूरा करें मठों व मंदिरों की जमीन का सीमांकन : मंत्री

संस, सहरसा : शनिवार को सूबे के गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री तथा कला संस्कृति मंत्री ने कोसी प्रमंडलीय आयुक्त के साथ तीनों जिले के डीएम के साथ गन्ना उत्पादन एवं धार्मिक न्याय पर्षद की जमीन सीमांकन कार्य की समीक्षा की। मंत्री ने जहां गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रदत सुविधाओं की किसानों को जानकारी देने का निर्देश दिया। वहीं इसके लिए जिलावार कृषकों का प्रशिक्षण आयोजित करने पर बल दिया। उन्होंने धार्मिक न्यास पर्षद की जमीन को चिह्नित किए जाने के लिए तीनों जिले के अधिकारियों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने इस संबंध में सर्वाेच्च न्यायालय और सरकार के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि भगवान की जमीन का मालिक सिर्फ भगवान है। कोई सेवादार इसका मालिकाना हक नहीं ले सकता। अगर किसी ने गलत तरीके से इस जमीन को बेच लिया, ऐसी स्थिति में भी वह संपत्ति सरकार की ही बनी रहेगी। ऐसे जमीन का दाखिल- खारिज करनेवाले अंचलाधिकारियों पर भी वर्तमान अंचलाधिकारी स्तर से प्राथमिक दर्ज कराया जाए। कहा कि इस सभी जमीन का सीमांकन मार्च तक हर- हाल में पूरा करें।

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कला संस्कृति मंत्री डा. आलोक रंजन ने कहा कि मधेपुरा जिले में अभी भी कई प्रखंडों के किसान गन्ना की खेती कर रहे हैं। उन्होंने जहां मधेपुरा के डीएम से रूबरू होते हुए किसानों को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया, वहीं गन्ना मंत्री को भी किसानों को उत्साहित करने के लिए उन जगहों पर जाने का आग्रह किया। दोनो मंत्री ने प्रमंडलीय आयुक्त राजीव रंजन महिवाल के निर्देशन में तीनों जिले में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की।

बाद में पत्रकारों को जानकारी देते हुए गन्ना मंत्री ने जहां गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी, वहीं धार्मिक न्याय पर्षद की जमीन को चिह्नित किए जाने के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रमंडल में 5832 एकड़ भूमि चिह्नित किए जाने का लक्ष्य था, परंतु खोज के दौरान मठ- मंदिरों की संख्या बढ़ रही है। कहा कि पूर्व में 150 स्थल पर काम हो रहा था, जो बढ़कर अब 211 हो गया है। ऐसे में धार्मिक स्थलों की भूति दस हजार एकड़ तक पहुंच सकती है। बताया कि अनिबंधित भू- खंडों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। कहा कि इसके सीमांकन के बाद अतिक्रमण मुक्त करवाने, अवैध दाखिल- खारिज को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।


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