युवाओं में बढ़ रहा है हथियार रखने का शगल
युवाओं में हथियार रखने का शगल इस कदर बढ़ गया है कि बात-बात पर गोलियां चल जाती हैं। यही नहीं हथियार के साथ इंटरनेट मीडिया पर भी वीडियो व तस्वीर वायरल की जा ही है। जिले में हर माह 17 अवैध हथियारों की बरामदगी हो रही है। जिसमें अत्याधुनिक हथियार भी शामिल हैं।
अमरेंद्र कांत, सहरसा। युवाओं में हथियार रखने का शगल इस कदर बढ़ गया है कि बात-बात पर गोलियां चल जाती हैं। यही नहीं हथियार के साथ इंटरनेट मीडिया पर भी वीडियो व तस्वीर वायरल की जा ही है। जिले में हर माह 17 अवैध हथियारों की बरामदगी हो रही है। जिसमें अत्याधुनिक हथियार भी शामिल हैं।
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गिरफ्तार होने वाले बदमाशों की कम रहती है उम्र
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पिछले 16 माह में 315 लोगों की हथियार के साथ गिरफ्तारी की गई। जिसमें 99 फीसद युवा थे। जिनकी उम्र 18 से 27 साल के बीच थी। महज एक फीसद ही इससे अधिक उम्र के बदमाशों को हथियार के साथ पकड़ा गया। आंकडों की बात करें तो पिछले 16 माह में पुलिस ने 274 अवैध हथियार की बरामदगी की। जबकि 953 गोली भी बरामद की गई। इसके अलावा मई माह में अबतक 13 हथियार की बरामदगी की गई है। जिसमें एक कारबाइन भी शामिल है। गत वर्ष भी पुलिस ने एक कारबाइन की बरामदगी की थी। एक लघु बंदूक कारखाना का भी पर्दाफाश किया गया था।
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मुंगेर, नेपाल व बिहारशरीफ से आते हैं हथियार
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सूत्रों के अनुसार युवाओं को तस्कर हथियार उपलब्ध करा रहे हैं। कट्टा तीन से आठ हजार तक, पिस्तौल 15 से 25 हजार तक, कारबाइन एक से डेढ़ लाख तक में तस्कर उपलब्ध करा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि हथियार की तस्करी में भी युवा ही शामिल हैं। यहां अवैध हथियार मुंगेर, नेपाल व बिहारशरीफ से मंगाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि हथियार की तस्करी दियारा से लेकर शहरी क्षेत्रों में हो रही है। वैसे, पुलिस की नजर इस पर विशेष है।
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वायरल की जाती है तस्वीर
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हथियार के साथ तस्वीर व वीडियो वायरल करना, हर्ष फायरिग करना भी युवाओं का शगल बन चुका है। पिछले 16 माह की बात करें तो 37 वीडियो व तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर हथियार के साथ वायरल की गई। जिसमें सभी युवा ही थे। इनमें से 19 की गिरफ्तारी भी हुई।
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जमीन विवाद में अक्सर होता है इस्तेमाल
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जमीन विवाद के मामले में ऐसे युवाओं का इस्तेमाल अधिक किया जाता है। कहीं भी जमीन विवाद होने पर युवाओं को बुलाया जाता है जहां हथियार का प्रदर्शन युवा करते हैं। कई जगह पर गोलीबारी की घटना को भी अंजाम दिया गया है। खासकर शहरी क्षेत्र में जमीन विवाद होने पर हथियार का शौक रखने वाले युवा लालच में आकर हथियार का प्रदर्शन करते हैं।
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बढ़ रही बेरोजगारी, अभिभावकों द्वारा खुली छूट देने के कारण इस तरह का शौक युवाओं में बढ़ रहा है। एकल परिवार भी इसकी एक वजह है। संयुक्त परिवार रहने पर परिवार के हर सदस्यों की नजर गलत संगत में युवाओं को जाने पर उन्हें रोकता है। समाज भी ऐसे मामले में अब चुप रहते हैं। जबकि समाज में अगर प्रतिकार किया जाय तो ऐसे मामलों में कमी आ सकती है।
प्रो. विनय चौधरी, समाजशास्त्री, सहरसा।
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पिछले 16 माह में हथियारों की काफी बरामदगी हुई है। पुलिस पूरी तरह सजग है। ऐसे बदमाशों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आम लोग भी पुलिस को हथियार रखने की सूचना दें त्वरित कार्रवाई होगी।
लिपि सिंह, एसपी, सहरसा।