प्याज के उत्पादन से समृद्ध होगा कोसी
सहरसा। कोसी प्रमंडल में आलू का उत्पादन पूर्व में भी अपेक्षा से अधिक होता रहा है परंतु प्याज
सहरसा। कोसी प्रमंडल में आलू का उत्पादन पूर्व में भी अपेक्षा से अधिक होता रहा है, परंतु प्याज के मामले में यह क्षेत्र दूसरे इलाके पर निर्भर रहा है। आनेवाले दिनों में यह समस्या दूर होनेवाली है। इस इलाके में बड़े पैमाने पर आलू का उत्पादन होगा, जिससे न सिर्फ कोसी प्रमंडल की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि इस क्षेत्र से राज्य के अन्य हिस्से समेत दूसरे प्रदेशों में प्याज भेजा जाएगा। इससे किसानों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा। इसके लिए उद्यान विभाग ने रणनीति तैयार कर लिया है।
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प्याज के बीज का भी उत्पादन
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प्याज उत्पादन के लिए इस क्षेत्र की मिट्टी सबसे उपयुक्त है। इसलिए दियारा के उन इलाके का भी इसके लिए उपयोग किया जाएगा, जहां बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद खेत खाली रह जाती है। किसानों को लाभांवित करने के लिए प्याज का बीज भी स्थानीय स्तर पर उत्पादित होगी, जो इस इलाके के किसानों को काफी कम कीमत पर मिलेगी। यहां से बीज भी अन्य जिलों व दूसरे प्रदेशों में भेजा जाएगा। बीज उत्पादन के लिए किसानों को लागत मूल्य पर पचास फीसद अनुदान दिया जाएगा।
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भंडारण इकाई स्थापित करने के लिए भी मिलेगा अनुदान
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किसानों को उत्पादित प्याज सस्ते कीमत पर न बेचना पड़े, इसके लिए भंडारण इकाई स्थापित करने की योजना है। भंडारण इकाई स्थापित करने के लिए भी किसानों को अनुदान दिया जाएगा। ताकि जगह- जगह भंडारण इकाई स्थापित हो और समय पर इसे बेचकर किसान मुनाफा कमा सके। छोटी- छोटी भंडारण इकाई के लिए एक लाख 75 हजार रूपए प्रति इकाई लागत निर्धारित किया गया। जिसपर पचास फीसद अर्थात 87 हजार पांच सौ रूपए प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा।
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इस इलाके के लोग प्याज के लिए दूसरे प्रांतों पर निर्भर रहते हैं। अब यहां बड़े पैमाने पर खेती होगी और जगह-जगह भंडारण की व्यवस्था होगी ताकि उत्साहित होकर किसान खेती करें। इससे जहां प्याज के लिए इलाका खुद आत्मनिर्भर होगा, वहीं किसानों की आमदनी बढ़ेगी और क्षेत्र का आर्थिक उन्नयन होगा।
संतोष कुमार सुमन
सहायक निदेशक उद्यान, सहरसा।