बारिश के कारण फीका रहा मुहर्रम मेला का रंग
सहरसा। मौसम की बेरूखी एवं रूक-रूक कर हो रही बारिश ने मुहर्रम के अवसर पर ड्योड़ी प
सहरसा। मौसम की बेरूखी एवं रूक-रूक कर हो रही बारिश ने मुहर्रम के अवसर पर ड्योड़ी परिसर में लगने वाले तीन दिवसीय मेला एवं रानीबाग में लगे मीना बाजार का रंग फीका कर दिया । बताते चलें कि सिमरी बख्तियारपुर ड्योडीह स्थित इमामबाड़े पर भव्य ताजिया का निर्माण कराया जाता है। जहां नौवीं की रात ताजिया को इमामबाड़ा के चौकी पर बैठाया जाता है। इसी चौकी पर मुहर्रम के दसवीं तारीख को इलाके भर से अकीदतमंद ताजिया ले कर जुलूस की शक्ल में इमामबाड़ा पहुंच ताजिया का मिलान करते हैं और ताजिया को ढ्योडीह प्रागंण में रख कर बेहतर कारीगरी वाले ताजिया को स्टेट की तरफ से इनाम दिया जाता है। बताते चलें कि इस बार ढ्योडीह स्थित ताजिया मेला शुक्रवार से शुरू हो रहा है। जहां ताजिया का जुलूस शनिवार को निकाला जाएगा।
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इस इलाके मे मुहर्रम मेला का काफी महत्व है
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सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है सिमरी बख्तियारपुर का मुहर्रम मेला। इस मेले में ताजिया जुलूस में लाठी का करतब दिखाने के लिए हर समुदाय के लोग शामिल होते हैं। हजरत इमाम हुसैन एवं उनके परिवार की शहादत की विशेषगीत मर्सिया झरना के साथ एक साथ मिल कर हिन्दु मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग गाते हैं। इमाम बाड़ा पर मन्नत मांगने एवं उस की पूर्ति होने पर दोनों समुदाय के लोग फातिहा पढ़वा कर प्रसाद चढ़ाने आते हैं। इमामबाड़ा एक ऐसी जगह है जहां हर समुदाय के लोग धर्म का चश्मा उतार कर मानवता की बात करते हैं और इस इलाके मे ¨हदू-मुस्लिम एकता की मिसाल इन्ही सब कारणों से आज तक बना हुआ है।