नौ दिवसीय भागवत कथा आयोजित
सहरसा। प्रखंड क्षेत्र के अमरपुर पंचायत अन्तर्गत पांचू टोला में गुरुवार की संध्या नौ दिवसीय भागवत क
सहरसा। प्रखंड क्षेत्र के अमरपुर पंचायत अन्तर्गत पांचू टोला में गुरुवार की संध्या नौ दिवसीय भागवत कथा का शुरुआत की गई।आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन इंजीनियर मनिकलाल गुप्ता, सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश साह, रमेश गुप्ता, ललन गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। भागवत कथा का व्याख्यान करते हुए कथा वाचक स्वामी सीताराम शास्त्री जी महाराज ने कहा की कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है। जब इसे हम अपने जीवन के व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। उन्होंने कहा कि कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सदगुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण करें। कथा के श्रवण से जन्म जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युग में धर्म, लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयास करने पड़ते हैं। कलयुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जागृत हो जाता है। महराज जी ने कहा कि कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है। सत्संग व कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है। वरना वह इस संसार में आकर मोह, माया के चक्कर में पड़ा रह जाता है। इसलिए मनुष्य को समय निकालकर कथा का श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा आदि सुनने के लिए प्रेरित करें। भगवान श्रीकृष्ण की रास लीला के दर्शन करने के लिए भगवान शिवजी को गोपी का रुप धारण करना पड़ा। वास्तव में भगवान की कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते कलयुग में भागवत साक्षात श्रीहरि के रूप हैं। पावन ह्रदय से इसका असमरन मात्र से करोड़ों पुण्य का फल प्राप्त होता है। कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा का श्रवण लाभ प्राप्त होता है। इस दौरान राजू गुप्ता, विरेंद्र कुमार एवं कथा सुनने के लिए कई गांवों के भक्त प्रेमी मौजूद रहे।