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तीन नए प्लेटफार्म पर विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में

सहरसा इन दिनों सहरसा रेलवे स्टेशन पर रेल विद्युतीकरण कार्य अंतिम चरण में है। सहरसा स्

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 07:33 PM (IST)
तीन नए प्लेटफार्म पर विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में
तीन नए प्लेटफार्म पर विद्युतीकरण का काम अंतिम चरण में

सहरसा: इन दिनों सहरसा रेलवे स्टेशन पर रेल विद्युतीकरण कार्य अंतिम चरण में है। सहरसा स्टेशन सहित सभी प्लेटफार्म पर विद्युत पोल व तार लगा दिया गया है लेकिन कई तकनीकी स्तर पर काम शेष है। इस माह के अंत तक नए प्लेटफार्म पर विद्युत इंजन का परिचालन शुरू हो जाएगा। सहरसा स्टेशन पर नवनिर्मित तीन नए प्लेटफार्म तीन, चार एवं पांच नंबर प्लेटफार्म पर पिछले एक पखवाड़ा से विद्युतीकरण कार्य चल रहा है। रेल परिचालन के बीच ही रेल विद्युतीकरण निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि निर्माण कार्य से संबंधित सारा कार्य पूरा कर लिया गया है। अधिकारियों की मानें तो विद्युत आपूर्ति नहीं की गयी है। जब तक अन्य सारा काम पूरा नहीं हो जाता है तब तक नए प्लेटफार्म पर विद्युत सप्लाई नहीं किया जाएगा। इस माह के अंत तक नए प्लेटफार्म पर भी विद्युत इंजन का परिचालन शुरू हो जाएगा। मानसी-सहरसा- मधेपुरा रेलखंड के बीच विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के दौरान ही सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक और दो पर ही बिजली पोल एवं तार लगा दिया गया था। लेकिन नवनिर्मित प्लेटफार्म पर कार्य पूरा होने के बाद संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा करीब एक किमी. तक बिजली पोल व तार लगाए गए। इतना ही नहीं शंटिग स्थल गंगजला रैक प्वाइंट तक रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी प्लेटफार्म पर रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिए जाने से अब किसी भी ट्रैक पर विद्युत इंजन का परिचालन अप्रैल माह के अंत में या मई माह के प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगा।

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75 करोड़ रूपये खर्च हुए थे विद्युतीकरण कार्य पर

मानसी-सहरसा- मधेपुरा रेल खंड के बीच रेल विद्युतीकरण कार्य पर 75 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। 65 किमी. तक विद्युतीकरण कार्य की जिम्मेवारी कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को मिली थी। वर्ष 2016-17 में ही रेल बजट में इसकी स्वीकृति मिली थी। मार्च 2018 में रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया गया। सहरसा से लंबी दूरी सहित अन्य कई ट्रेनों में विद्युत इंजन से ही रेल परिचालन किया जा रहा है। धीरे-धीरे रेल पैसेंजर ट्रेन भी विद्युत इंजन के सहारे चलेगी। जिससे रेल को आर्थिक बचत भी होगी।


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