महिला बर्थ के नाम पर टिकट लेनेवालों को आरपीएफ ने छोड़ा
सहरसा। सहरसा से नई दिल्ली के बीच चल रही वैशाली एक्सप्रेस में महिला बर्थ के नाम पर यात्रा करन
सहरसा। सहरसा से नई दिल्ली के बीच चल रही वैशाली एक्सप्रेस में महिला बर्थ के नाम पर यात्रा करनेवाले आठ लोगों को निर्दोष मानकर आरपीएफ ने उसे छोड़ दिया है। आरपीएफ में इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, वैशाली एक्सप्रेस में सौरबाजार के रहने वाले आठ व्यक्तियों का टिकट रिजर्व था। टिकट में तो उनका नाम अंकित था लेकिन बर्थ महिला सीट आरक्षित थी। जिस कारण स्टेशन पर शक होने पर टिकट की जांच की गई तो सारी टिकट महिला बर्थ के रूप में रिजर्व की गयी थी। लेकिन टिकट पर नाम पुरुष के थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर सारनाथ ने बताया कि इस मामले में लोगों से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि ई टिकट दिल्ली के किसी एजेंट से ली गयी थी। आरपीएफ ने टिकट में नाम व पता सही रहने पर उन्हें निर्दोष मानते हुए सबों को छोड़ दिया। जबकि इस मामले की मॉनिटरिग समस्तीपुर मंडल के रेल अधिकारी कर रहे थे। इधर पूर्व मध्य रेल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सरस्वती चन्द्र ने बताया कि कंफर्म बर्थ पाने के उद्देश्य से ही ऑरिजनल टिकट में छेड़छाड़ की जाती है।
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चलाया विशेष जांच अभियान
पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर वाणिज्य विभाग द्वारा रविवार को भी विशेष टिकट जांच अभियान चलाया गया। जिससे फर्जी ढंग से यात्रा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकें। समस्तीपुर में पांच अनाधिकृत यात्री पकड़े गए। जिससे निर्धारित किराया सहित जुर्माना वसूला गया।
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सहरसा में नहीं की जाती है नियमित जांच
सहरसा स्टेशन से प्रतिदिन वैशाली एक्सप्रेस नई दिल्ली के लिए खुलती है। सहरसा में पहले से ही कई बार फर्जी टिकट बेचने वाले गिरोह का उद्भेदन किया जा चुका है। इन दिनों ई टिकट ट्रेवल एजेंसी के नाम पर कई दुकान स्टेशन के आसपास अब भी खुले हुए है। अगर इनकी जांच की जाए तो इस रैकेट का पर्दाफाश हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो इन अवैध रूप से टिकट की कालाबाजारी करनेवाले लोगों ने ही महिलाओं के नाम से सीट आसानी से कंफर्म हो जाते है और फिर उसी टिकट के प्रिटिग में छेड़छाड़ कर उसे लोगों को मनमाने दामों पर बेच देते हैं। सही लिस्ट तो वाणिज्य विभाग के पास ही रहती है और वहीं लिस्ट टिकट चेकर के पास रहता है। हर यात्री की चेकिग स्टेशन पर चढ़ने के दौरान ही हो जाती है। ऐसे में बगैर वाणिज्य विभाग की मिलीभगत से यह संभव नहीं है। यह तो 29 अगस्त को एक मामला पकड़ाया तो सबों की नजर गयी। इससे पहले तो कई इसी तरह टिकट पर यात्रा कर लिए होंगे। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले पकड़ में आ चुके हैं।
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टिकट एजेंट से रहें सावधान
वैसे टिकट एजेंट से सावधान रहें जो टिकट के साथ छेड़छाड़ करते हैं। रेल काउंटर आरक्षण टिकट मामले में यात्रा के दौरान मूल यात्रा टिकट अपने साथ जरूर रखें।
सरस्वती चंद्र, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल