जाम से परेशान हैं शहर के लोग
संस सहरसा प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा में सड़क जाम आमलोगों की नियति बन गई है। प्रमंडलीय आयुक्त राजीव रंजन महिवाल ने भी इस समस्या पर गहरी चिता जताई थी।
संस, सहरसा: प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा में सड़क जाम आमलोगों की नियति बन गई है। प्रमंडलीय आयुक्त राजीव रंजन महिवाल ने भी इस समस्या पर गहरी चिता जताई थी। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए दीर्घकालिक योजना बनाने पर बल दिया। जब तब इस समस्या पर चर्चा तो होती है, परंतु इसका समाधान नहीं हो रहा है।
हर दिन पूरा शहर कम-से-कम चार-पांच घंटा जाम का दंश झेलने के लिए मजबूर है। ऊपर से जब बालू, स्टोनचिप्स आदि का रैक लगता है, तो स्थिति और भी विकराल हो जाती है। कभी-कभी तो पूरा दिन शहर में जाम लगा रह जाता है। जाम की समस्या के समाधान हेतु विगत दो दशक से भी अधिक समय से ओवरब्रिज निर्माण को लेकर राजनीति हो रही है, परंतु आज तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
शहर में जगह-जगह अतिक्रमण के कारण लोगों की परेशानी दिनभर बढ़ती जा रही है। बारिश हो या प्रचंड धूप खासकर बंगाली बाजार और गंगजला रेलवे गुमटी पर लोग घंटों फंसे रहते हैं। जाम के कारण जहां स्कूल- कालेज जाने वाले बच्चों, कार्यालय जानेवाले कर्मियों को ही नहीं एंबुलेंस को भी घंटों फंसा रहना पड़ता है। इन दोनों गुमटी पर देर तक जाम रहने के कारण कचहरी ढाला तक लोग जाम में फंस जाते हैं। जिला प्रशासन और रेल प्रशासन के बीच हुए वार्ता के अनुसार एक समय में एक ही गाड़ी की शटिग कराई जानी है ताकि लोगों को 15 मिनट से अधिक रेलवे गुमटी पर फंसने की नौबत नहीं आए, परंतु रेल प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार एक समय में तीन-तीन ईंजन व गाड़ियों का शटिग कराई जाती है जिसके कारण घंटेभर रेलवे गुमटी बंद हो जाता है। इसके कारण पूरा शहर घंटों अस्त-व्यस्त हो जाता है। जबतक एक जाम से सड़क को निजात मिलती है, तबतक दोबारा मालगाड़ी, यात्री गाड़ी या ईंजन की शटिग के कारण रेलवे गुमटी बंद हो जाता है। इस प्रकार दिनभर सहरसा के लोग जाम से जूझते रहते हैं। लोगों का नियत समय पर कहीं पहुंचना बेहद कठिन हो गया है। आमलोगों की इस पीड़ा से शासन-प्रशासन को कोई मतलब नहीं है।