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मानसी -सहरसा-मधेपुरा के बीच चली इलेक्ट्रिक इंजन

सहरसा। शनिवार को मानसी-सहरसा-मधेपुरा के बीच पहला इलेक्ट्रिक इंजन ट्रॉयल के तौर पर चलाय

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 01:05 AM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 01:05 AM (IST)
मानसी -सहरसा-मधेपुरा के बीच चली इलेक्ट्रिक इंजन
मानसी -सहरसा-मधेपुरा के बीच चली इलेक्ट्रिक इंजन

सहरसा। शनिवार को मानसी-सहरसा-मधेपुरा के बीच पहला इलेक्ट्रिक इंजन ट्रॉयल के तौर पर चलाया गया। दिन के 12:10 बजे सहरसा पहुंचे इलेक्ट्रिक इंजन को देखने के लिए प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में यात्री व रेलकर्मी थे। पूर्व मध्य रेल के बरौनी से चली इलेक्ट्रिक इंजन 12:15 बजे मधेपुरा के लिए रवाना हो गया। इलेक्ट्रिक इंजन को लोको पायलट मो. जियाउदीन, सहायक लोको चालक मो. नवी हुसैन का सहरसा स्टेशन पर लोगों ने हाथ हिलाकर स्वागत किया। एक दिन पूर्व ही मुख्य सुरक्षा आयुक्त पीके आचार्या ने इस रेलखंड में विद्युतीकरण कार्य पूरा होने पर निरीक्षण किया था।

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शुक्रवार को ही होना था ट्रायल

हालांकि यह ट्रॉयल शुक्रवार को ही सीआरएस की मौजूदगी में होना तय था। मधेपुरा से लेकर सहरसा मानसी तक इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रॉयल कराने के लिए पटना दानापुर से एक इलेक्ट्रिक इंजन मंगवा लिया गया था। लेकिन ऐन वक्त पर सीआरएस निरीक्षण के दौरान ही मधेपुरा में इलेक्ट्रिक इंजन फेल हो गया जिस कारण उक्त दिन इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रॉयल नहीं हो सका। सीआरएस के जाने के बाद दूसरे दिन इलेक्ट्रिक इंजन बरौनी से मंगवा कर इसका ट्रॉयल किया गया। मानसी से मधेपुरा तक हुए रेल विद्युतीकरण के ट्रॉयल के तौर पर इंजन को 70 से 80 किलोमीटर की रफ्तार से पटरी पर दौड़ाया गया। शनिवार को मानसी व मधेपुरा के बीच इलेक्ट्रिक इंजन के ट्रॉयल परिचालन के बाद जल्द ही मधेपुरा से मानसी रेलखंड के बीच इलेक्ट्रिक इंजन का परिचालन भी कुछ ट्रेनों में शुरू होने की उम्मीद बंधी है। वहीं, रेल विद्युतीकरण पूरा होने तथा सीआरएस निरीक्षण की हरी झंडी मिलने के बाद मधेपुरा इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना में तैयार पहले इलेक्ट्रिक इंजन को भी जल्द ही सहारनपुर ट्रॉयल के लिए भेजा जा सकता है। केपीटीएल के कार्य को सराहा

भारतीय रेल के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी काम को निर्धारित समय से पहले कर दिया गया। 30 मार्च को मुख्य सुरक्षा आयुक्त पीके आचार्या ने मानसी-सहरसा-मधेपुरा रेल खंड के बीच रेल विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ही उन्होंने कार्य एजेंसी कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्य के प्रति संतोष जताया। सीआरएस ने इसके लिये केपीटीएल के रेलवे हेड अनिल कुमार को साधुवाद दिया। पूर्व मध्य रेल के मंडल रेल प्रबंधक सहित अन्य रेल अधिकारियों ने भी मात्र दस महीने में कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन द्वारा किये गये कार्य को सराहा रेल अधिकारियों ने कहा कि यह 65 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण कार्य मात्र दस महीने में पूरा होना पूरे देश में एक मिसाल है। जून 2017 में रेल विद्युतीकरण कार्य का शुभारंभ किया गया और 30 मार्च 2018 को पूरा कर लिया गया। यह एक रिकार्ड है। मानसी-सहरसा के बीच सात पुल के ऊपर विद्युतीकरण कार्य पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं रहा। बावजूद इसके केपीटीएल ने समय से पहले कार्य को पूरा कर दिखाया है।


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