सत्य की अभिव्यक्ति व स्वतंत्र छवि है मीडिया की पहचान : डीडीसी
संस सहरसा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर मंगलवार को विकास भवन सभागार में जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा कौन नहीं है जो मीडिया से भयभीत नहीं होता विषय पर परिचर्चा आयोजन की गई।
संस, सहरसा: राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर मंगलवार को विकास भवन सभागार में जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा कौन नहीं है, जो मीडिया से भयभीत नहीं होता विषय पर परिचर्चा आयोजन की गई। उप विकास आयुक्त साहिला, रमेश झा महिला कालेज की सेवानिवृत प्राचार्य डा. रेणु सिंह व डीपीआरओ दिलीप कुमार देव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
मौके पर संबोधित करते हुए डीडीसी ने कहा कि अपनी स्वतंत्र छवि रखते हुए सत्य की अभिव्यक्ति ही मीडिया की पहचान है। प्रशासन और मीडिया के बीच का समन्वय विकास में काफी सहायक हो सकता है। हम सभी अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं, परंतु मीडिया की तरह प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्र नहीं होते। कहा कि हमलोग नियम- कायदों से बंधे होते हैं। ऐसे में मीडिया के माध्यम से जो सूचनाएं मिलती है, उससे प्रशासन को भी समस्याओं के समाधान में सहुलियत मिलती है। मीडिया द्वारा संवेदनशीलता के बजाय सकारात्मक ढंग से अगर बातें सामने लाई जाती है, तो बिना किसी परेशानी के उसका बेहतर तरीके से समाधान संभव है। डीडीसी ने कहा कि प्रिट मीडिया सकारात्मकता का बोध कराता है। इसलिए चाहें हम कितना भी टीवी के माध्यम से न्यूज जान लें, सुबह उठते जबतक अखबार नहीं पढ़ते संतुष्टि नहीं मिलती।
संबोधित करते हुए डा. रेणु सिंह ने कहा कि यह सच है कि आजादी के आंदोलन में ब्रिटिश शासन मीडिया से जितना भय खाते थे, आजादी के बाद जिस तरह की अपेक्षा थी, उसकी कमी देखी जा रही है। आजादी के बाद भी गलत लोग मीडिया से भय खाते थे, जो अब नहीं दिखता है। कहा कि लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ अन्य स्तंभों में सबसे महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता के बाद में प्रिट मीडिया की जो साख रही, उसे हाल के दिनों में इलेक्ट्रानिक मीडिया ने काफी आहत किया है। अफवाहों का दौर काफी तेज हो गया है। इन परेशानियों के बावजूद प्रतिबद्धता और निष्पक्षता रहेगी, तो गलत लोग मीडिया से भय खाएंगे। मीडिया के कमजोर होने से देश का अस्तित्व और पहचान समाप्त हो जाएगा। इसके लिए एक सार्थक प्रयास करने की जरूरत है। मुक्तेश्वर मुकेश के संचालन में सर्वप्रथम डीपीआरओ ने विषय प्रवेश करते हुए सभी आगत अतिथियों का अभिनंदन किया।