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ढाई वर्षों से आठ हजार लाभुकों का बंद है पेंशन

सहरसा। जिले के आठ हजार से अधिक लोग विगत ढाई वर्ष से पेंशन की राशि से वंचित है। यह सभी

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:21 PM (IST)
ढाई वर्षों से आठ हजार लाभुकों का बंद है पेंशन
ढाई वर्षों से आठ हजार लाभुकों का बंद है पेंशन

सहरसा। जिले के आठ हजार से अधिक लोग विगत ढाई वर्ष से पेंशन की राशि से वंचित है। यह सभी वैसे लाभुक हैं, जिन्हें जुलाई 2018 तक नियमित पेंशन प्राप्त हो रहा है। राज्य योजना से पेंशन प्राप्त कर रहे इन लाभुकों को योजना बंद होने के साथ की केंद्र सरकार की पेंशन योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया था, परंतु पंचायत सचिवों की अर्कमण्यता के कारण इन लाभुकों का समायोजन अबतक नहीं हो पाया। फलस्वरूप इन लाभुकों को पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है। पेंशन नहीं मिलने से इन गरीबों को दवा व अन्य जरूरतों को पूरा करने में बेहद कठिनाई हो रही है।

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अबतक महज 15 सौ लाभुकों का किया गया समायोजन ----

जिले में राज्य नि:शक्तता पेंशन, लक्ष्मीबाई पेंशन व सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करनेवाले लाभुकों की संख्या लगभग साढ़े नौ हजार है। इनलोगों को खाते के माध्यम से जुलाई 2018 तक पेंशन का भुगतान होता रहा। राज्य पेंशन योजना बद करने के साथ सरकार ने लाभुकों की अहर्ता के मुताबिक राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, नि:शक्तता पेंशन आदि में समायोजित करने का निर्देश दिया गया। सरकार के निर्देशानुसार जिलाधिकारी स्तर से भी बारंबार लाभुकों का सत्यापन कर अहर्ता रखने वाले लाभुकों को संबंधित योजना में समाहित करने का निर्देश दिया गया, परंतु प्रखंड विकास पदाधिकारियों की लापरवाही और पंचायत सचिवों की मनमानी के कारण यह कार्य अबतक पूरा नहीं हो पाया। लगभग 15 सौ लाभुकों का किसी-न-किसी योजना में समायोजन हुआ। शेष अबतक भटक रहे हैं। इसमें दर्जनों की मौत भी हो गई।

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क्या कहते हैं लाभुक

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सहरसा नगर वार्ड नंबर दो की बदमिया देवी कहती है कि उन्हें 2018 तक नियमित पेंशन मिल रहा था। बाद में कहा गया कि दूसरे योजना से पेंशन मिलेगा जो अबतक नहीं हो पाया। गोबरगहरा के लक्ष्मण यादव का कहना है कि उन्हें चार सौ रूपये मिलता था, उससे उनकी दवा की जरूरत पूरा हो जाती थी, अब इसके लिए दूसरे पर निर्भर हो गए हैं। पेंशन के लिए दौड़ कर थक गए, कोई सुननेवाला नहीं है। सहुरिया के महेंद्र कामत कहते हैं कि सरकार एकतरफ राज्य के सभी बुजुर्गों को पेंशन देने की घोषणा कर चुकी है, वहीं वर्षो पेंशन प्राप्त करने के बाद मेरा पेंशन रोक दिया गया। इसके लिए काफी प्रयास किया, परंतु अबतक पेंशन प्रारंभ नहीं हो पाया।

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कोट

लाभुकों के समायोजन के लिए जिलाधिकारी स्तर से कठोर निर्देश दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इन शेष लाभुकों को भी समायोजित कर दिया जाएगा।

कुमार सत्यकाम

सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, सहरसा।


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