शराब खोज की जिम्मेवारी शिक्षकों को देना अनुचित: नूनूमणि
संस सहरसा शराबी और शराब तस्करों का पता लगाने की जिम्मेवारी शिक्षकों को दिए जाने पर ि
संस, सहरसा: शराबी और शराब तस्करों का पता लगाने की जिम्मेवारी शिक्षकों को दिए जाने पर शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध प्रकट किया है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव नूनूमणि सिंह ने शिक्षामंत्री से अपर मुख्य शिक्षा सचिव के इस आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्गत पत्र देखकर तो अब यही महसूस हो रहा है कि बिहार में शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है। कोरोना महामारी के कारण लगभग दो वर्षों से बच्चों की पढ़ाई ठप है। शिक्षकों को अनेकों गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा दिया गया है। अब शराबी तथा शराब तस्करों का पता लगाना तथा दूरभाष द्वारा सूचना देना भी नया उत्तरदायित्व दिया गया है। कहा कि जब शराब माफिया द्वारा मद्य निषेध विभाग के दारोगा का अपहरण किया जा सकता है, जिसके पास सुरक्षा की सारी व्यवस्था रहती है। ऐसे में उन शिक्षकों का क्या होगा, जिनके पास सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। कहा कि मद्य निषेध का स्वागत तो हर विवेकशील व्यक्ति करता है। शिक्षकों ने तो मानव श्रृंखला बनाकर इस अभियान की सफलता में अहम भूमिका निभाया है। मद्य निषेध सामाजिक कुरीति को दूर करने तथा मानव जीवन को सुरक्षित करने के लिए कारगर कदम है, जो सर्वथा स्वागत योग्य है।
उन्होंने शिक्षक संघ के माध्यम से मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री से अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के इस आदेश को निरस्त करने की मांग की, ताकि शिक्षक मान- सम्मान के साथ अपना शिक्षकोचित कर्तव्य कर सके।
दूसरी ओर राजद नगर अध्यक्ष ई. कौशल यादव ने सरकार के इस आदेश पर एतराज जताया। कहा कि राज्य में शिक्षा पहले ही बदहाल है। ऐसे में शिक्षकों को शराब माफियाओं के पीछे लगाना बेहद ही आपत्तिजनक कदम है। कहा कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।