बरियाही अस्पताल में चिकित्सा सुविधा का है घोर अभाव
संसू कहरा (सहरसा) प्रखंड की एक लाख 97 हजार की आबादी को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संचालित पीएससी बनगांव बरियाही में दर प्रखंड का स्वास्थ्य केंद्र हैं लेकिन यहां चिकित्सा की मामूली सुविधा तक नहीं है।
संसू, कहरा (सहरसा) : प्रखंड की एक लाख 97 हजार की आबादी को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संचालित पीएससी बनगांव बरियाही में दर प्रखंड का स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन यहां चिकित्सा की मामूली सुविधा तक नहीं है। मामूली बीमारी के लिए भी आने वाले मरीजों के पर्ची पर भी रेफर टू सहरसा लिख दिया जाता है। रविवार को अस्पताल इमरजेंसी विडो एवं प्रसव कक्ष ही खुला मिला। अवकाश का दिन रहने के कारण अस्पताल के कार्यालय ओपीडी सहित सभी कमरे बंद मिले। इमरजेंसी विडो पर डा. चंद्र गुप्ता मौजूद रहे।
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1903 में बनगांव बरियाही औषधालय की हुई थी स्थापना
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सदर प्रखंड के बनगांव बरियाही में 1903 में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य औषधालय की स्थापना की गई थी। देश की आजादी के बाद यह राजकीय औषधालय के रूप में चलने लगा। वर्तमान में अब जर्जर हो चुके भवनों में अस्पताल संचालित हो रहा है।
12 पंचायतों एवं दर्जनों गांवों के मरीजों के लिए मात्र अस्पताल में हैं छह बेड। चिकित्सा प्रभारी के अनुसार इसी वर्ष अस्पताल परिसर में 30 बेड का भवन निर्माण को स्वीकृति मिली है। भवन निर्माण के बाद बेड की समस्या खत्म होने की उम्मीद है।
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एएनएम कराती हैं प्रसव
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महिला चिकित्सक के अभाव क्षेत्र से पहुंचने वाली दर्जनों महिलाओं का प्रसव एएनएम पर निर्भर रहता है। चिकित्सक एवं समुचित सुविधा की कमी के कारण कई गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई है जिससे आक्रोशित स्वजनों द्वारा हंगामा भी किया जा चुका है।
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बीस दिन से अस्पताल में नहीं है एंबुलेंस
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प्रखंड के बड़ी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों के लिए इस अस्पताल में बीस दिनों से एंबुलेंस नदारद है। पीएससी प्रभारी डा. अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि एंबुलेंस की समस्या से संबंधित शिकायत सिविल सर्जन तक कर चुके हैं।
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प्रखंड में हैं पांच एपीएसचसी
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लोगों को नजदीक में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करने के उद्देश्य से प्रखंड में बनगांव दक्षिणी,खड़गपुर,भरौली,पड़विनियां एवं पटुआहा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया। लेकिन किसी भी एपीएचसी में एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है और लोगों की चिकित्सा एएनएम और आयुष चिकित्सकों पर निर्भर है। वह भी कब खुलता है और कब बंद हो जाता है,इसका कोई गारंटी नहीं हैं। पड़विनियां में तो एपीएससी कहां है इसका कोई लेखा-जोखा भी नहीं है। उसमें पदस्थापित डॉक्टर चंद्र गुप्ता व स्वास्थ्य कर्मी बरियाही पीएससी में प्रतिनियुक्त हैं।
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कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
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प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार का दिन है। हम लोग अस्पताल में नहीं है। अस्पताल में मात्र दो एमबीबीएस डाक्टर है। जिस कारण प्रखंड के अन्य एपीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक एवं एएनएम को यहां रखकर अस्पताल का संचालन का करना पड़ रहा है। बीस दिन से एम्बुलेंस नहीं हैं। जिसकी शिकायत सिविल सर्जन सहरसा तक को लिख कर किये है। इसकी जिम्मेदारी आउट सोर्सिंग की है।