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फसल अवशेष जलाने पर नजर रखेंगे कृषि कर्मी व अधिकारी

नवहट्टा (सहरसा) फसल अवशेष जलाते हुए पकड़े जाने पर संबंधित किसान को सरकार की ओर से ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 12:11 AM (IST)
फसल अवशेष जलाने पर नजर रखेंगे कृषि कर्मी व अधिकारी
फसल अवशेष जलाने पर नजर रखेंगे कृषि कर्मी व अधिकारी

नवहट्टा (सहरसा): फसल अवशेष जलाते हुए पकड़े जाने पर संबंधित किसान को सरकार की ओर से मिलने वाली कृषि योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

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ऐसे किसानों का पंजीकरण भी तीन वर्ष तक के लिए डीबीटी पोर्टल के माध्यम से निलंबित कर दिया जाएगा। कृषि विभाग ने फसल अवशेष जलाने वाले किसान पर नजर रखने के लिए कृषि समन्वयक , किसान सलाहकार एवं जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय की है। वैसे किसानों पर नजर रखने को कहा गया है जो हार्वेस्टर से धान के फसल की कटनी करते हैं। हार्वेस्टर से फसल की कटनी करने वाले किसान यदि फसल अवशेष को जलाते हैं तो इसके लिए किसान सलाहकार को जवाबदेह मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

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फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान

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फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की क्षति होती है। वही मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की क्षति, जमीन में पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं का सफाया हो जाता है। वही इसे जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है।

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फसल अवशेषों को जलाने का दुष्प्रभाव

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एक टन पुआल जलाने से तीन किलोग्राम पाटकुलेट मैटर, 60 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड, 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड, 199 किलोग्राम राख, 2 किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड का नुकसान होता है। साथ ही इसे जलाने पर सांस लेने में समस्या, आंखों में जलन, नाक में समस्या, गले की समस्या लोगों में देखने को मिलेगी।

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किसानों को किया जाएगा जागरूक

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किसानों को अवशेष जलाने से रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा । पंचायत के जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसान गोष्ठी का आयोजन कर किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी। किसानों को उन्हें ऐसा करने पर होने वाली कार्रवाई से भी अवगत कराया जाएगा।

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विभागीय लाभ से वंचित होंगे वंचित

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कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत फसल अवशेष जलाने वाले किसान को चिन्हित कर योजनाओं से किसान को वंचित करने के लिए कृषि समन्वयक को लिक दिया गया है। इसमें कृषि समन्वयक जलाए गए फसल के नाम का चयन, कुल रकबा में, जलाने की तिथि, जलाए गए फसल अवशेष की तस्वीर, आसपास के किसानों के नंबर, कृषि समन्वयक की घोषणा के बाद सौंपा जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी से होते हुए यह आवेदन डीबीटी के नोडल अधिकारी के पास पहुंचेगा। जहां ऑनलाइन स्वीकृति के बाद चिन्हित किसान को तीन वर्षो के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। ऐसे किसानों को विभागीय योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

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क्या कहते हैं कृषि समन्वयक

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फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर विशेष नजर रखी जाएगी तथा इस पर त्वरित कार्रवाई भी होगी।

बीके मिश्रा कृषि समन्वयक


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