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कोरोना का खौफ, पानी से मौत

सहरसा। कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 05:37 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 05:37 PM (IST)
कोरोना का खौफ, पानी से मौत
कोरोना का खौफ, पानी से मौत

सहरसा। कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट है। चारों तरफ चौकसी बरती जा रही है। लोग खुद सतर्कता बरत रहे हैं। भले ही लोग कोरोना के खौफ में जी रहे हों, लेकिन यहां मौत पानी से हो रही है। जिले में एक हफ्ते के अंदर पानी में डूबकर 31 लोगों की जान चली गयी है। वहीं कोरोना से अबतक मात्र एक की मौत हुई है। जबकि संक्रमित फिलहाल 268 लोग हैं।

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हर साल यहां लोग ले लेते हैं जल समाधि

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जिले में बहने वाली कोसी, कारी कोसी, सुरसर, तिलाबे, धेमरा सहित अन्य छोटी नदियों और सीपेज के पानी में हर साल दर्जन भर लोग अपनी जान गंवाते हैं। वहीं बरसात के दिनों सर्पदंश से भी मौतों का आंकड़ा बढ़ जाता है। नेपाल में होने वाली बारिश व जलस्त्राव का असर इस इलाके पर पड़ता है। यहां के नदी-नाले उफनाते हैं और गड्ढे और चौर आदि भर जाते हैं। इस वर्ष प्रकृति का कहर कुछ अधिक ही दिख रहा है। ऐसे में हादसों की संख्या में बढ़ गई है।

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इस वर्ष हुई 50 की मौत

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विगत तीन वर्ष में पानी में डूबने से जिले में 171 लोगों मौत हुई।

वर्ष डूबकर मरने वाले

2018-19 59

2019-20 74

इस वर्ष में अबतक 50

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सर्पदंश

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गर्मी व बरसात के दिनों में यहां नागराज का खौफ भी सिर चढ़कर बोलता है। यहां सर्पदंश से तीनों वर्ष मिलाकर 16 लोगों की मौत हुई है।

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सरकारी आंकड़ों में बाढ़ से मात्र एक की हुई मौत

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डूबकर मरने व सर्पदंश से हुई मौत को लेकर आपदा प्रबंधन में अनुदान के लिए मात्र 12 आवेदन लंबित हैं। जबकि लगभग डेढ़ दर्जन रिपोर्ट अंचल स्तर पर लंबित है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि वर्ष 2017 के बाद मानक के अनुसार बाढ़ के पानी में डूबकर गत वर्ष एक व्यक्ति की मौत हुई। जबकि शेष सभी की डूबकर विभिन्न गड्ढे तालाब में हुई है, जिसमें अधिकांश बच्चे ही शामिल होते हैं। परंतु बाढ़ की अवधि रहने के कारण आपदा अधिनियम के तहत इन सभी लोगों को चार लाख का अनुदान दिया जाता है। सर्पदंश में भी इसका प्रावधान है। इसके अनुरूप भुगतान भी किया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ के समय भी सर्पदंश से मौत होने पर अंचल कार्यालय द्वारा कोई- न कोई नुस्खा लगा दिया है, जिससे कई लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है। दो दिन पूर्व सिरवार- वीरवार में एक व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई, परंतु उसका पोस्टमार्टम भी नहीं करवाने दिया गया। इस तरह कई लोग अनुदान की सुविधा से वंचित भी हो जाते हैं।

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कहते हैं अधिकारी

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी राजेन्द्र दास ने बताया कि अंचलों से प्राकृतिक आपदा से मौत की रिपोर्ट आने पर भुगतान में कोई विलंब नहीं किया जाता है।


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