कोसी व बलान में उफान, तटबंध के अंदर मची तबाही
सहरसा। कोसी और बलान नदी में उफान आने से तटबंध के भीतर बसे सभी पंचायतों का गांव बाढ़ की पानी में डूब गया है। तटबंध के अंदर बसे लोग परेशान हैं। तेज धारा में घर बह जाने का डर लोगों को सता रहा है जबकि शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा है।
सहरसा। कोसी और बलान नदी में उफान आने से तटबंध के भीतर बसे सभी पंचायतों का गांव बाढ़ की पानी में डूब गया है। तटबंध के अंदर बसे लोग परेशान हैं। तेज धारा में घर बह जाने का डर लोगों को सता रहा है जबकि शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार कोसी नदी में इस वर्ष के सबसे अधिक डिस्चार्ज दो लाख 74 हजार क्यूसेक रविवार को रहा। बलान नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। जिस कारण प्रखंड क्षेत्र के तटबंध के अन्दर बसे ग्यारह पंचायत पूर्ण और चार पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में है। पिछले एक माह से कोसी नदी के जलस्तर दो लाख क्यूसेक के आसपास थी। डिस्चार्ज लेवल लगभग पौने तीन लाख तक चले जाने से इन क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। लगातार हो रही बारिश ने लोगों के समक्ष और मुसीबत खड़ी कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार ऐना पंचायत के करहारा गांव में कोशी की तेज धारा के कारण मो. महमूद सहित करीब आधा दर्जन घर कटाव के मुहाने पर आ गए हैं। जलई पुनर्वास निवासी मो.असदउल्लाह ने बताया कि घर के चापाकल पर नदी की तेज धारा को देखकर चापाकल से पीने के पानी लाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जबकि झाड़ा के अभिजितन मुखिया ने बताया कि कई गरीब परिवार घर में पानी घुसने के बाद उंचे स्थान पर अवस्थित दूसरों घर में शरण लेकर समय गुजार रहे हैं। यही हाल लिलजा ,महेशपुर ,तेलवा के लोगों का भी है। समानी के अमरजीत गुप्ता ने बताया कि समानी से कोशी पश्चिमी तटबंध पर जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से लोग गांव के बाहर शरण लेने नहीं निकल पा रहे हैं। यही हाल घोंघेपुर पंचायत शंकरथुआ ,बालुबाड़ी ,भंथी जैसे निचले इलाकों के गांवों का है जहां से कुछ लोग तो पश्चिमी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं लेकिन अधिकांश लोग अब भी गांव में फंसे हुए हैं। बीरगांव ,तरही ,बघवा ,रैटी ,पीपरपांती गांव में भी बाढ़ के पानी के बीच सैकड़ों परिवार फंसे हैं।