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कोसी नदी का डिस्चार्ज तीन लाख के पार होते ही निचले इलाकों में बढ़ी परेशानी

सहरसा। पिछले तीन दिनों से कोसी नदी का डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक के आसपास बना हुआ है जिसके कारण निचले इलाकों में अब भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सड़कों पर पानी अब भी बह रहा है। लोग अपने घरों से बिना नाव के बाहर नहीं निकल सके हैं। नाव के अभाव में अब भी जोखिम भरा सफर करने को मजबूर हैं ग्रामीण।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 05:27 PM (IST)
कोसी नदी का डिस्चार्ज तीन लाख के पार 
होते ही निचले इलाकों में बढ़ी परेशानी
कोसी नदी का डिस्चार्ज तीन लाख के पार होते ही निचले इलाकों में बढ़ी परेशानी

सहरसा। पिछले तीन दिनों से कोसी नदी का डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक के आसपास बना हुआ है जिसके कारण निचले इलाकों में अब भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सड़कों पर पानी अब भी बह रहा है। लोग अपने घरों से बिना नाव के बाहर नहीं निकल सके हैं। नाव के अभाव में अब भी जोखिम भरा सफर करने को मजबूर हैं ग्रामीण।

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इस संबंध में ऐना गांव के निवासी मो.मुर्तजा ने बताया कि ऐना तक जाने के लिए आरापट्टी से गुजरने वाली सड़क पर मुरली के समीप पानी की तेज धारा बह रही है तो वहीं कोठिया से होकर आने वाली सड़क पर भाव के बाद पानी बह रहा है। वहीं झाड़ा निवासी हरेराम ठाकुर, विपिन पासवान ने बताया कि बाढ़ का पानी अब भी गांव में चारों तरफ फैला हुआ है परंतु वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अंचल प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे नाव ग्रामीणों के लिए ना काफी साबित हो रहा है जबकि भेलाही के महादलित टोला, बघवा पंचायत के अधिकांश गांव, मनोवर पंचायत के मोहम्दपुर ,सिदीकपुर ,जलई पुनर्वास सहित कई गांव में बलान का पानी लोगों के घरों में घुसा हुआ है जबकि घोंघेपुर में बाढ़ प्रवाहित कई टोला के गरीब पश्चिमी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।


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