कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी
सहरसा। कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव होने लगा है। नदी की पेट भरते देख तटबंध के अंदर के लोग सहम गए हैं। नदी का जलस्त्राव आगे विकराल स्वरूप की ओर इशारा कर रही है।
सहरसा। कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव होने लगा है। नदी की पेट भरते देख तटबंध के अंदर के लोग सहम गए हैं। नदी का जलस्त्राव आगे विकराल स्वरूप की ओर इशारा कर रही है। बाढ़ कैलेंडर की शुरुआत से ही जलस्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है। नदी की धारा ने नदी किनारे बसे गांव पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।
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कोसी नदी का जलस्त्राव
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बाढ़ कैलेंडर के अनुसार, 15 जून से 31 अक्टूबर तक नदी का जलस्त्राव पर जल संसाधन विभाग की नजर बनी रहती है। अब तक जारी रिपोर्ट के अनुसार 15 जून से 20 जून तक एक लाख क्यूसेक और उसके आसपास रहा। 21 जून से 23 जून के 2:00 बजे दिन तक जलस्त्राव एक लाख क्यूसेक से कम रहा। 23 जून से 25 जून तक वृद्धि दर्ज की गई। 28 जून को जलस्तर में कमी आई, लेकिन 30 जून से एक बार फिर बढ़ोतरी शुरू हुई जो तीन जुलाई को दो लाख 31 हजार तक पहुंच गई। उसके बाद उतार-चढ़ाव जारी है।
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सहमे हैं लोग
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तटबंध के अंदर बसे लोग नदी के बढ़ते जल स्तर को देख सहम गए हैं। दूर-दूर तक अब पानी ही पानी है। नदी के बीच में बना टीला नुमा •ामीन नहीं दिख रही है। असई के शिक्षक विष्णुदेव विश्वास कहते हैं लोग सुरक्षा के मद्देनजर तैयारी में जुट गए हैं। पशुओं को ऊंचे स्थान पर ले जाना शुरू कर दिया है। केदली के अनिरुद्ध मुखिया कहते हैं कि लोगों के जान माल की सुरक्षा अब भगवान के हाथ में है। जलस्त्राव बढ़ा तो हालात बिगड़ सकते हैं।
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क्या कहते हैं अधिकारी
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पूर्वी कोसी तटबंध सुपौल डिवीजन के कार्यपालक ने कहा कि जलस्त्राव सामान्य है। चंद्रायण डिवीजन के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि नदी का रू़ख नरम है। विभाग ने तटबंध व जान माल की सुरक्षा के लिए मुकम्मल तैयारी की है।