नहर पर बस गया गांव, सिचाई सुविधा से वंचित हुए किसान
सहरसा। किसानों को सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने के विभिन्न गांवों से गुजरे नहर पर दिन प्रतिदिन लोगों द्वारा कब्जा जमाने लगे हैं। प्रखंड के पुरीख सीमा से बनगांव सीमा तक बनगांव उप वैतरणी नहर में दर्जनों स्थलों पर कब्जा कर आशियाना बनाकर लोग गांव बसा चुके हैं जिसके कारण नहर का अस्तित्व मिटता जा रहा है।
सहरसा। किसानों को सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने के विभिन्न गांवों से गुजरे नहर पर दिन प्रतिदिन लोगों द्वारा कब्जा जमाने लगे हैं। प्रखंड के पुरीख सीमा से बनगांव सीमा तक बनगांव उप वैतरणी नहर में दर्जनों स्थलों पर कब्जा कर आशियाना बनाकर लोग गांव बसा चुके हैं जिसके कारण नहर का अस्तित्व मिटता जा रहा है। इससे फसल की सिचाई कैसे होगी किसानों को इसकी चिता अभी से ही सताने लगी है।
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डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में है नहर पर कब्जा
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प्रखंड क्षेत्र में पुरीख सीमा से बनगांव सीमा तक जाने वाली बनगांव उप वैतरणी नहर पर पुरीख, बरहशेर, पटोरी, बिहरा, सिहौल एवं वारा पंचायत में स्थानीय लोगों द्वारा पहले तो नहर संसद कब्जा जमाकर सब्जी उपजाने का कार्य शुरू किया गया। अब घर बनाकर नहर के अस्तित्व को ही मिटा दिया। वहीं जिला मुख्यालय स्थित मत्स्यगंधा से बिजलपुर की ओर जाने वाली नहर पर नंदलाली, विशनपुर , मेनहा, खोनहा एवं बिजलपुर आदि गांवों में लोगों ने नहर पर कब्जा जमा आशियाना बना लिया है।
आश्चर्य यह है कि लोग छतदार मकान भी बनाने लगे है। बावजूद विभाग सुस्त बनें हुए है। नहर की अस्तित्व मिटता देख किसान चितित हैं। रवि फसल कि सिचाई कैसे होगी इसकी चिता किसानों को अभी से ही सताने लगी है।
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क्या कहते हैं किसान
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बारा के किसान शंभू झा, सिहौल के रामचंद्र कुंवर, बिहरा के उमेश राय, पटोरी के मनोज दत्ता आदि ने बताया कि लोगों द्वारा नहर पर आशियाना बना लिया गया है जिससे नहर के अस्तित्व मिट रहा है। इस कारण किसानों को फसल पटवन की संकट उत्पन्न हो गई। है। किसानों के अनुसार जल्द इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आनेवाले समय में पूरा नहर अतिक्रमण कारियों के कब्जे में आ जाएगा।
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कोट
नहर के अतिक्रमण की सूचना मिली है। नहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। तथा सहायक अभियंता को अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध प्रतिवाद दायर कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
अरविद कुमार, कार्यपालक अभियंता, सिचाई प्रमंडल सहरसा।