पर्यवेक्षण गृह के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर डीएम ने जताया असंतोष
सहरसा। बुधवार को डीएम कौशल कुमार ने जेल कॉलोनी क्षेत्र सहरसा में निर्माणाधीन आर्ब्जवेशन ह
सहरसा। बुधवार को डीएम कौशल कुमार ने जेल कॉलोनी क्षेत्र, सहरसा में निर्माणाधीन आर्ब्जवेशन होम (पर्यवेक्षण गृह) के कार्य प्रगति का स्थल निरीक्षण किया। फरवरी माह में जिलाधिकारी ने निरीक्षण के क्रम में कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया था। इस आलोक में कार्य प्रगति के संदर्भ में निरीक्षण किया गया। उन्होंने सबसे पहले भवन परिसर का निरीक्षण किया। तत्पश्चात परिसर के अंदर भवन तक निर्मित्त पहुंच पथ के ढलाई की ऊंचाई को देखते हुए परिसर के अन्य भाग को उसके अनुपात में सुव्यवस्थित एवं समतल करने का निर्देश दिया।
पूरे परिसर में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिया गया। भवन के सभी कमरों का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया। लगाए गए खिड़की और दरवाजों की गुणवत्ता को भी देखा। भवन स्थित हॉल में बने शौचालय में लगे टाईल्स की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त करते हुए उसे बदलने का निर्देश दिया गया। ऑर्ब्जवेशन होम के लिए उपस्कर/ सामग्री की अधिप्राप्ति की स्थिति की जानकारी ली। बताया गया कि निविदा के माध्यम से सभी उपस्कर एवं सामग्री की अधिप्राप्ति कर ली गई है। हाउस कीपर, रसोईया एवं हेल्पर की नियुक्ति किए जाने की जानकारी दी गयी और बताया गया कि सभी पदों पर नियुक्ति/पदस्थापन हो चुका है। भवन में बनाए जाने वाले लाइब्रेरी के संबंध में जानकारी ली गई। डीएम ने भवन निर्माण से संबंधित अभियंताओं एवं संवेदक को 05 मार्च तक अंतिम रूप से सभी कार्य पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया। सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा एवं अधीक्षक को विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में यथाशीघ्र पूर्णरूपेण कार्यरत करते हुए संचालित कराने का निर्देश दिया गया। उल्लेखनीय है कि सहरसा में 50 विधि विवादित बच्चों की क्षमता का उक्त ऑर्ब्जवेशन होम की स्थापना की जा रही है। 18 वर्ष आयु से नीचे के विधि विवादित बच्चे जिनके द्वारा अपराध किया गया है और ट्रायल एवं अन्य कारणों से उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो गयी है, ऐसे विधि विवादित बच्चों को यहां रखा जाएगा। अब तक बिहार में एक शेखपुरा जिला में ऐसे विधि विवादित बच्चों के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी आर्ब्जवेशन होम संचालित किया जा रहा है। विधि विवादित बच्चों में सकारात्मक परिवर्तन के लिए लाइब्रेरी, परिसर में खेलकूद के लिए बैडमिटन एवं वॉलीवाल कोट भी बनाए जाएंगे।