जिले के 12 गांवों में विशेष अभियान के तहत उपलब्ध होगी बुनियादी सुविधा
सहरसा। जिले के 12 गांवों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय गोद लेगी। यह सहरसा जिले का
सहरसा। जिले के 12 गांवों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय गोद लेगी। यह सहरसा जिले का वैसा गांव है, जहां पचास फीसद से अधिक अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2011 के सामाजिक- आर्थिक जनगणना के आधार पर इन गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) में शामिल कर लिया है। इन गांवों में चल रही केन्द्र और राज्य की अन्य योजनाओं के साथ- साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा पेयजल, शौचालय एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं पर तत्काल बीस- बीस लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
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एससीएसटी को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए शुरू हुआ स्कीम
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भारतीय संविधान की प्रस्तावना के उल्लखित उद्देश्य भारतीय नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना चलाई गई है। जिन गांवों में कुल आबादी में पचास फीसद से अधिक अनुसूचित जाति और 40 फीसद से अधिक अनुसूचित जनजाति है। सरकार का मानना है कि ये लोग बहुत लंबे समय से सामाजिक एवं शैक्षिक निर्योग्यता का शिकार रही है, जिसके कारण ये लोग आर्थिक रूप से पिछड़ गई है। इनलोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह योजना प्रारंभ किया है। जिसे शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
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जिला कल्याण पदाधिकारी की देखरेख में चलेगी योजनाएं
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प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के सफल संचालन के लिए केन्द्रीय एवं राज्यस्तर पर सलाहकार समितियों का गठन किया जा रहा है। जिलास्तर पर जिलाधिकारी इस समिति के सदस्य है, जबकि जिला कल्याण पदाधिकारी को समिति का सचिव नियुक्त किया गया है। विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम निदेशक भी बनाए जाएंगे। प्रखंड व ग्राम स्तर पर भी सलाहकार समिति गठित की जाएगी। सर्वोत्कृष्ट निष्पादनकारी गांव को राज्य एवं राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
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अनुसूचित जाति- जनजाति के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। 2011 की जनगणना के आधार पर सरकार ने सरकार ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में सहरसा जिले के 12 गांवों को चिह्नित कर लिया है। इन गांवों की सूची सरकार द्वारा शीघ्र जारी किया जाएगा। इन गांवों के विकास का कार्य भी अगले माह शुरू कर दिया जाएगा।
नागेन्द्र पासवान
जिला कल्याण पदाधिकारी, सहरसा।