अब ईयर टैगिग से होगी पशुओं की पहचान
सहरसा। अब पशुओं के लिए भी बनेगा आधार कार्ड बनाकर पहचान बनाई जाएगी। इसके साथ ही पशुओ
सहरसा। अब पशुओं की पहचान के लिए सरकार ईयर टैगिग की व्यवस्था बहाल करने जा रही है। साथ ही पशुओं के लिए हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा। इन पशुओं का डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। पशु की पहचान कायम होने से नस्ल सुधार, ऑनलाइन क्रय विक्रय, कृत्रिम गर्भाधान के साथ- साथ खोये और चोरी हुए पशुओं का पता लगाने में भी सहुलयित होगी। इससे पशुपालक के जीवन में भी गुणात्मक सुधार होगा। कोसी क्षेत्र की विकृत जलवायु के कारण बड़ी संख्या में बीमार हो रहे पशुओं की प्राणरक्षा और चोरी की घटनाओं पर ईयर टैगिंग से नियंत्रण लगेगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इसके लिए तैयारी प्रारंभ कर दिया है।
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टैग लगे पशुओं को ही योजनाओं में दी जाएगी प्राथमिकता
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विभाग द्वारा पशुओं का नि:शुल्क टैगिग किया जाएगा। टैंग में लगा नंबर और अन्य जानकारी ऑनलाइन की जाएगी। जिन पशुओं को टैग लग जाएगा। उन पंजीकृत पशुओं को ही टीकाकरण व अन्य लाभ से प्राथमिकता के आधार पर लाभांवित किया जाएगा। पंजीकृत पशुओं के नस्ल सुधार को नियंत्रित करने एवं पशुओं की वंशावली का रिकार्ड रखने में भी सहायता मिलेगी।
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इलाज एवं दुग्ध उत्पादन क्षमता की जा सकेगी बढ़ोतरी
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ऑनलाइन रिकार्ड रहने से पशुओं का कौन- कौन का इलाज चला,कौन की दवा दी गई इसकी जानकारी मिलेगी। जटिल इलाज को बड़े पशु चिकित्सालयों के सहयोग किया जाएगा। तथा पशुओं के दुग्ध उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाया जा सकेगा। टीकाकरण, कृमि नाशक दवाओं से डिवर्मिंग के ब्योरे की भी जानकारी मिलेगी।
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पशुओं के ऑनलाइन पंजीकरण से खासकर कोसी क्षेत्र के पशुपालकों को काफी फायदा होगा। इससे पशुओं की मौत दर में कमी आएगी और दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन क्षमता भी बढ़ाया जा सकेगा।
डॉ. संजीव कुमार
जिला पशुपालन पदाधिकारी, सहरसा।