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आसमान छूने लगी मवेशी चारा की कीमत

सहरसा। मवेशियों के चारे की कमी की वजह से गेहूं के भूसे की कीमत आसमान पर पहुंच गई। पश्

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:17 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:17 PM (IST)
आसमान छूने लगी मवेशी चारा की कीमत
आसमान छूने लगी मवेशी चारा की कीमत

सहरसा। मवेशियों के चारे की कमी की वजह से गेहूं के भूसे की कीमत आसमान पर पहुंच गई। पशुपालक खेतों में लगी गेहूं की फसल काटकर मवेशियों को खिला रहे हैं या फिर कट्ठे के हिसाब से गेहूं या अन्य खड़ी फसलें खरीद कर मवेशियों को खिला रहे हैं जो गेहूं के भूसे के मुकाबले सस्ता और सुलभ उपलब्ध हो रहा है।

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जानकारी के अनुसार, गेहूं के भूसे की किल्लत से पशुपालक जूझ रहे हैं। गेहूं भूसे की किल्लत को देखते हुए लोग दूसरे प्रदेश से भूसा लाकर बेच रहे हैं। इससे भूसे की कीमत में काफी इजाफा हो गया है। अन्य प्रदेशों से लाकर बेचा जाने वाला गेहूं का भूसा मक्के से मंहगा बिक रहा है। मक्के की कीमत जहां 11 सौ रुपये प्रति क्विटल है, वहीं गेहूं का भूसा 14 सौ रुपये प्रति क्विटल बिक रहा है जबकि खेतों में लगी गेहूं, मटर या खेसारी की फसल दो सौ रुपये प्रति कट्ठे या चार हजार रुपये प्रति बीघा मिल रही है। ऐसे में पशुपालक खेत में लगी फसल ही मवेशियों को खिला रहे हैं। विदित रहे कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नित्य नई योजनाएं ला रही है तथा स्वरोजगार सुलभ कराने के उद्देश्य से किसानों को पशुपालन शुरू करने पर जोर दे रही है। इसके लिए बकायदा प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता का कार्यक्रम भी संचालित कर रही है, किंतु पशुपालकों के सामने आ रही नित्य नई समस्याओं को दूर करने में कोई खास रूचि नहीं दिखा रही है। इसका परिणाम है कि चारे की समस्या से पशुपालक जूझ रहे हैं।


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