गूगल इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट बने सहरसा के सुप्रभात वत्स
सहरसा। शहर के गंगजला निवासी प्रो. डा. विनय कुमार चौधरी के 21 वर्षीय पुत्र सुप्रभात वत्स गूगल इ
सहरसा। शहर के गंगजला निवासी प्रो. डा. विनय कुमार चौधरी के 21 वर्षीय पुत्र सुप्रभात वत्स गूगल इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट बने है। गूगल इंडिया में इतने बडे़ पद पर आसीन होने वाले वे सहरसा जिला के पहले युवा है, जिन्होंने अपनी प्रतिभा व लगन के बल पर यह मुकाम हासिल किया है।
वाइस प्रेसीडेंट बनने पर उनके आसीन होने पर स्थानीय लोगों ने हर्ष जताते हुए इसे सहरसा का गौरव बताया है। इस सफलता पर उनके परिवार, सगे-संबंधियों व शुभचितकों में खुशी का माहौल है। सुप्रभात के पिता प्रो. डा. विनय कुमार चौधरी शहर के राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय से अवकाश प्राप्त एसोसिएट प्रोफेसर है। विभिन्न विषयों के विद्वान, प्रसिद्ध साहित्यकार,ओजस्वी मंच संचालक व वक्ता के रूप में उनकी भी अलग पहचान है। सुप्रभात वत्स अगस्त माह में ही हरियाणा के गुरूग्राम स्थित गूगल के कार्यालय में योगदान कर चुके है। इनकी प्रतिभा को देखकर पर अमेरिका की तीन यूनिवर्सिटी आक्सफोर्ड, हार्वड और स्टेनफोर्ड ने कंप्यूटर साइंस में इंटीग्रेटेड कोर्स विथ पीएचडी के लिए पूरी स्कालरशिप देने की घोषणा कर चुकी है। कोर्स पूरा होने की अवधि के दौरान सम्मानजनक वेतन देने की भी घोषणा की है। इसके बाद भी सुप्रभात वत्स अपने देश में ही रहकर काम करना चाहते है। वे कहते है कि देश में काम करने से गर्व और सुकुन होता है कि मेरी पढ़ाई-लिखाई और प्रतिभा देश के काम आएगी।
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एक दर्जन से अधिक विषयों के है जानकार :
डा. विनय चौधरी कहते है कि सुप्रभात बचपन से मेधावी रहा है। उन्होंने कंप्यूटर साइंस के उन 17 विषयों पर गहनता से दक्षता हासिल किया है जो देश की साइबर सुरक्षा के लिए अहम है। इनमें साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अलावा मानव दिमाग को हैक करने से बचाने की विधा शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर वे देश की साइबर सुरक्षा के लिए काम करना चाहते है। वे इससे पहले कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर चुके है।
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अमेरिका से प्राप्त किया कंप्यूटर साइंस की दक्षता
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सुप्रभात वत्स की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा सहरसा में ही हुई। शहर के डीपीएस स्कूल से ही वर्ष 2017 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद कोलकाता की एडवांस यूनिवर्सिटी में बी टेक कंप्यूटर साइंस किया। बीटेक करने के दौरान ही तृतीय वर्ष में हीं इन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में दक्षता हासिल की। इनकी मां डा. कल्पना चौधरी समाजशास्त्र से पीएचडी कर चुकी है। सुप्रभात की बडी बहन ऋचा मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त करने के बाद फ्रांस की कंपनी एटास में काम कर रही है। छोटी बहन तमिलनाडू में इंडियन ओवरसीज बैंक में अधिकारी है। वे कहते हैं उनके ही परिवार के वर्तमान बिहार सरकार के मंत्री डा. आलोक रंजन उनके आइकोन रहे हैं जिन्होंने हमेशा उनका उत्साह बढ़ाया है।