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इंद्रपुरी बराज से रबी फसलों के लिए नहरों में छोड़ा गया पानी

इंद्रपुरी बराज से रबी फसलों के लिए शुक्रवार को नहरों में पानी छोड़ा गया। बराज से पहले पश्चिमी संयोजक नहर में दो हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 06:13 AM (IST)
इंद्रपुरी बराज से रबी फसलों के लिए नहरों में छोड़ा गया पानी
इंद्रपुरी बराज से रबी फसलों के लिए नहरों में छोड़ा गया पानी

इंद्रपुरी बराज से रबी फसलों के लिए शुक्रवार को नहरों में पानी छोड़ा गया। बराज से पहले पश्चिमी संयोजक नहर में दो हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। विभागीय अधिसूचना के अनुसार खरीफ व रबी फसलों के लिए नहर प्रणालियों के संचालन को ले तिथि का निर्धारण किया गया है। खरीफ फसल के लिए 20 मई से 30 अक्टूबर तक नहरों में पानी की आपूर्ति की जानी है, जबकि रबी के लिए दस दिसंबर से दस अप्रैल तक की तिथि निर्धारित की गई है। इस बार रुक-रुककर बारिश होने और खेतों में नमी के चलते रबी की बोआई में विलंब हुआ है। नहरी क्षेत्र में अभी कई भागों में बोआई का कार्य चल भी रहा है। जिस कारण नहर में पानी भी विलंब से छोड़ा जा रहा है। जल संसाधन विभाग इंद्रपुरी बराज मॉनीटरिग सेल के कार्यपालक अभियंता भवनाथ सिंह ने बताया कि शाहबाद प्रक्षेत्र के बक्सर जिले से रबी फसल के लिए नहर में पानी की मांग के बाद शुक्रवार को बराज से पानी छोड़ा गया है। बराज से पहले पश्चिमी संयोजक नहर में दो हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। यह पानी बक्सर शाखा नहर, चौसा नहर व गारा चौबे नहर के माध्यम से बक्सर जिले को आपूर्ति की जाएगी। दो तीन दिनों में यह पानी उस जिले के खेतों तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि रोहतास, कैमूर व भोजपुर जिले के अलावा पूर्वी संयोजक नहर के औरंगाबाद, अरवल व पटना जिले से अब तक पानी की मांग नही की गई है। कहा कि जिन-जिन जिलों से पानी की मांग की जाएगी, उसी अनुसार वहां पानी आपूर्ति की जाएगी।

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कहा कि इस माह हो रही बारिश से पहले रबी की बुआई कर चुके किसानों के चेहरे खिल गए है। बारिश की बूंदे खेतों में खड़ी फसलों पर सोना बनकर बरस रही है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस महीने में होने वाली बारिश से खेती की लागत घट जाती है। फिलवक्त इंद्रपुरी बराज पर पर्याप्त पानी उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर उत्तर प्रदेश के रिहंद व मध्यप्रदेश के बाणसागर जलाशय से पानी की मांग की जाएगी। गौरतलब है कि सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बराज से बिहार के आठ जिले रोहतास, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद व पटना जिले के लाखों एकड़ भूमि सिचित होती है।


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